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मध्य प्रदेश ने बेरोजगार युवाओं के लिए मासिक सहायता की शुरुआत की

मध्य प्रदेश सरकार ने बेरोजगार युवाओं को कौशल विकास में सहयोग देने के उद्देश्य से एक नई पहल शुरू की है, जिसके तहत औद्योगिक इंटर्नशिप के दौरान युवाओं को मासिक वजीफा दिया जाएगा — महिलाओं को ₹6,000 और पुरुषों को ₹5,000। यह योजना राज्य की मौजूदा लाड़ली बहना योजना का विस्तार मानी जा रही है, जिसमें अब पुरुष लाभार्थियों को भी ‘लाड़ली भाइयों’ के अनौपचारिक नाम से शामिल किया गया है। यह पहल न केवल युवाओं को आर्थिक सहायता प्रदान करेगी, बल्कि उन्हें उद्योगों से जोड़कर व्यावसायिक प्रशिक्षण और रोजगार के अवसरों को भी सुलभ बनाएगी।

पृष्ठभूमि

मध्य प्रदेश में युवाओं की बड़ी जनसंख्या है — जिनमें 1.5 करोड़ से अधिक युवा शामिल हैं, और इनमें से लगभग 1.53 करोड़ की उम्र 20 से 30 वर्ष के बीच है। बेरोजगारी और कौशल असंतुलन की समस्या राज्य के लिए लंबे समय से चिंता का विषय रही है। इससे पहले युवा स्वाभिमान रोजगार योजना (2019) के तहत शहरी युवाओं को ₹4,000 मासिक वजीफे के साथ रोजगार गारंटी दी जाती थी, लेकिन प्रशासनिक बदलावों के कारण योजना को बंद कर दिया गया था।

उद्देश्य

इस नई पहल के मुख्य उद्देश्य हैं:

  • बेरोजगार युवाओं को आर्थिक सहायता प्रदान करना।

  • उद्योगों में इंटर्नशिप को प्रोत्साहित करना, जिससे व्यावहारिक कौशल में सुधार हो।

  • एक प्रशिक्षित कार्यबल तैयार कर औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत बनाना।

मुख्य विशेषताएं

  • मासिक वजीफा: महिलाओं को ₹6,000 और पुरुषों को ₹5,000।

  • योजना में पंजीकृत उद्योगों में इंटर्नशिप करने वाले युवाओं के लिए खुला।

  • लाड़ली बहना योजना के साथ एकीकृत — लाभार्थी महिलाओं को अब दिवाली के बाद ₹1,500/माह मिलेंगे, जो 2028 तक बढ़कर ₹3,000 हो जाएंगे।

  • त्योहारों के अवसर पर विशेष प्रोत्साहन की व्यवस्था।

  • भोपाल के पास अचारपुरा औद्योगिक क्षेत्र को एक विशेष औद्योगिक हब के रूप में विकसित किया जा रहा है।

महत्व

यह पहल लैंगिक-संवेदनशील कल्याण दृष्टिकोण को दर्शाती है, जो महिलाओं की कार्यबल में भागीदारी को प्रोत्साहित करती है। उद्योगों को इस योजना में शामिल कर रोजगार को आर्थिक विकास से जोड़ा गया है, जिससे युवा ऑन-द-जॉब ट्रेनिंग के साथ-साथ आय भी प्राप्त कर सकेंगे।

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