Categories: National

लोकसभा ने दिल्ली अध्यादेश विधेयक पारित किया

लोकसभा ने दिल्ली में सेवाओं के नियंत्रण पर अध्यादेश की जगह लेने वाला राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 पारित कर दिया। विधेयक के पारित होने पर कुछ विपक्षी दलों ने विरोध प्रदर्शन किया और बहिर्गमन किया।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विधेयक पर बहस के दौरान विपक्ष पर तीखा हमला किया और उन पर लोकतंत्र या लोगों के कल्याण की तुलना में अपने गठबंधन के बारे में अधिक चिंतित होने का आरोप लगाया। उन्होंने विश्वास जताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसी भी विपक्षी गठबंधन के बावजूद 2024 के चुनावों में पूर्ण बहुमत हासिल करेंगे।

 

सदन में तकरार:

वोटिंग के दौरान जब स्पीकर ओम बिरला बोल रहे थे तब AAP सांसद सुशील कुमार रिंकू ने सत्ता पक्ष के सांसदों पर कागज फाड़कर फेंका। इसके लिए सुशील कुमार रिंकू को पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया है। सुशील कुमार रिंकू आम आदमी पार्टी के लोकसभा में एक मात्र सांसद हैं। बिल पास होने के बाद लोकसभा को कल तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।

 

सदन की कार्यवाही में विपक्ष की वापसी:

मणिपुर पर पीएम मोदी के बयान की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे विपक्षी दल इस सत्र के दौरान पहली बार सदन की कार्यवाही में भाग लेने के लिए लौटे।

 

विपक्ष की आलोचना:

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दोहरे मानदंडों के लिए विपक्ष की आलोचना की और कहा कि वे केवल तब पीएम का बयान चाहते थे जब महत्वपूर्ण विधेयक पारित किए जा रहे थे। उन्होंने विपक्ष पर वास्तव में लोकतंत्र या देश के हितों की परवाह नहीं करने का आरोप लगाया।

 

क्या है मामला?

दिल्ली में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (GNCTD) अधिनियम 1991 लागू है जो विधानसभा और सरकार के कामकाज के लिए एक रूपरेखा प्रदान करता है। साल 2021 में केंद्र सरकार ने इसमें संशोधन किया था। जिसमें दिल्ली में सरकार के संचालन, कामकाज को लेकर कुछ बदलाव किए गए थे। इसमें उपराज्यपाल को कुछ अतिरिक्त अधिकार भी दिए गए थे। संशोधन के मुताबिक, चुनी हुई सरकार को किसी भी फैसले के लिए एलजी की राय लेना जरूरी था।

दिल्ली सेवा अध्यादेश क्या है?

मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अगुआई वाली 5 सदस्यीय संविधान पीठ ने 11 मई को इस पर अपना फैसला सुनाया था। उन्होंने कहा था कि दिल्ली में जमीन, पुलिस और कानून-व्यवस्था को छोड़कर बाकी सारे प्रशासनिक फैसले लेने के लिए दिल्ली की सरकार स्वतंत्र होगी। अधिकारियों और कर्मचारियों का ट्रांसफर और उनकी पोस्टिंग भी दिल्ली सरकार खुद से कर पाएगी। गवर्नमेंट ऑफ नेशनल कैपिटल टेरिटरी ऑफ दिल्ली ऑर्डिनेंस, 2023′ लाकर प्रशासनिक अधिकारियों की नियुक्ति और तबादले का अधिकार वापस उपराज्यपाल को दे दिया।

 

सुप्रीम कोर्ट का फैसला और आप सरकार की कार्रवाई

शाह ने सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का हवाला दिया जिसने दिल्ली की विशिष्ट स्थिति को मान्यता दी और निर्वाचित सरकारों को नौकरशाहों पर नियंत्रण प्रदान किया। हालाँकि, उन्होंने उल्लेख किया कि दिल्ली सरकार ने अदालत द्वारा मामले पर पूरी तरह से फैसला आने से पहले अधिकारियों के स्थानांतरण की कार्रवाई की थी।

 

अध्यादेश को कानूनी चुनौती

दिल्ली की आप सरकार ने अध्यादेश की संवैधानिक वैधता को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है और कोर्ट ने याचिका को संविधान पीठ के पास भेज दिया है।

 

Find More National News Here

 

[wp-faq-schema title="FAQs" accordion=1]
vikash

Recent Posts

World Soil Day 2025: जानें मृदा दिवस क्यों मनाया जाता है?

हर साल विश्व मृदा दिवस 5 दिसंबर को मनाया जाता है। मृदा को आम बोलचाल…

19 mins ago

अंतर्राष्ट्रीय स्वयंसेवक दिवस 2025: इतिहास और महत्व

अंतर्राष्ट्रीय स्वयंसेवक दिवस हर साल 5 दिसंबर को मनाया जाता है। इस वर्ष की थीम…

30 mins ago

संयुक्त राष्ट्र प्रणाली: मुख्य निकाय, कोष, कार्यक्रम और विशेष एजेंसियां

यूनाइटेड नेशंस (UN) एक बड़े इंस्टीट्यूशनल सिस्टम के ज़रिए काम करता है जिसे UN सिस्टम…

2 hours ago

मिज़ोरम के पूर्व राज्यपाल स्वराज कौशल का 73 वर्ष की उम्र में निधन

मिजोरम के पूर्व राज्यपाल और वरिष्ठ अधिवक्ता स्वराज कौशल का 4 दिसंबर 2025 को 73…

4 hours ago

Aadhaar प्रमाणीकरण लेनदेन नवंबर में 8.5 प्रतिशत बढ़कर 231 करोड़ हुए

भारत में आधार का उपयोग लगातार तेजी से बढ़ रहा है। नवंबर 2025 में, आधार…

5 hours ago