रूस समर्थित बेलारूस से लगातार आ रहे मौसम संबंधी गुब्बारों द्वारा एयरस्पेस उल्लंघन के बाद लिथुआनिया की सरकार ने 09 दिसंबर 2025 को राष्ट्रीय आपातकाल घोषित कर दिया। पिछले कुछ हफ्तों में ये गुब्बारे देश के मुख्य अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को कई बार बंद करवाने की वजह बने, जिससे हजारों यात्री प्रभावित हुए।
लिथुआनिया की प्रधानमंत्री इंगा रुगिनिएने ने कहा कि गुब्बारों के जरिए हो रहा यह व्यवधान एक हाइब्रिड अटैक है, जिसका उद्देश्य देश में अस्थिरता फैलाना है। प्रधानमंत्री रुगिनिएने ने कहा हमें सबसे कड़े कदम उठाने होंगे और उन क्षेत्रों की रक्षा करनी होगी जहां यह हमला सबसे ज्यादा असर डाल रहा है। कैबिनेट की इमरजेंसी बैठक के बाद यह घोषणा की गई। लिथुआनिया नाटो का सदस्य है और रूस के खिलाफ लड़ाई में यूक्रेन का मुखर समर्थक भी रहा है।
पृष्ठभूमि: लिथुआनिया और बेलारूस के बीच बढ़ता तनाव
विल्नियस (लिथुआनिया) और मिन्स्क (बेलारूस) के रिश्ते राजनीतिक मतभेदों, प्रवासन तनाव और बेलारूस की रूस के प्रति गहरी निष्ठा के कारण कई वर्षों से तनावपूर्ण रहे हैं।
पिछले कुछ हफ्तों में लिथुआनियाई अधिकारियों ने रिपोर्ट किया कि—
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कई मौसम संबंधी गुब्बारे लिथुआनिया के हवाई क्षेत्र में प्रवेश कर गए,
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कुछ गुब्बारों में तस्करी किए गए सिगरेट थे जिन्हें काले बाज़ार में पहुँचाया जाना था,
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इसकी वजह से लिथुआनिया के मुख्य अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को जबरन बंद करना पड़ा, जिससे हजारों यात्रियों पर असर पड़ा।
अधिकारियों का मानना है कि इन घटनाओं की आवृत्ति और समय स्पष्ट रूप से जानबूझकर की गई विघटनकारी गतिविधि की ओर इशारा करते हैं, न कि किसी आकस्मिक घटना की ओर।
क्यों गुब्बारों को हाइब्रिड खतरा माना जा रहा है
हाइब्रिड हमले वे होते हैं जिनमें असामान्य तरीकों—जैसे साइबर अटैक, दुष्प्रचार, या गैर-परंपरागत व्यवधान—का उपयोग करके किसी देश को अस्थिर करने की कोशिश की जाती है।
लिथुआनिया का मानना है कि ये गुब्बारे—
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नागरिक विमानों की सुरक्षा के लिए खतरा बनते हैं,
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हवाई अड्डों को महँगी और तात्कालिक बंदी के लिए मजबूर करते हैं,
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जनता के भरोसे को कमजोर करते हैं,
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सीमा और सुरक्षा एजेंसियों पर अतिरिक्त दबाव डालते हैं।
सरकार की प्रतिक्रिया और आपातकाल की घोषणा
लिथुआनिया सरकार ने आपातकाल की घोषणा करते हुए स्पष्ट किया कि यह कदम सुरक्षित रखने के लिए उठाया गया है—
आपातकाल लागू होने से सरकार को यह सक्षम हुआ कि—
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सुरक्षा बलों की त्वरित तैनाती की जा सके,
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हवाई क्षेत्र की निगरानी और मजबूत की जा सके,
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गुब्बारों को रोकने और निष्क्रिय करने के लिए त्वरित प्रतिक्रिया तंत्र लागू हो सके,
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उड्डयन प्राधिकरणों, सीमा सुरक्षा बलों और रक्षा बलों के बीच समन्वय तेज़ी से किया जा सके।
सरकार ने यह भी कहा कि यह कदम निवारक, अस्थायी और बढ़ते जोखिमों के कारण आवश्यक है।
बेलारूस की भूमिका और अंतरराष्ट्रीय संदर्भ
लिथुआनिया का आरोप है कि बेलारूस—
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जानबूझकर गुब्बारे छोड़ रहा है,
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सीमा पार तस्करी को बढ़ावा दे रहा है,
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शत्रुतापूर्ण और अस्थिरता बढ़ाने वाली रणनीतियों में शामिल है।
बेलारूस इन आरोपों से इनकार करता है, लेकिन उसका पुराना रिकॉर्ड—और रूस का राजनीतिक प्रभाव—लिथुआनिया के संदेह को मजबूत करता है कि यह EU पड़ोसी देशों पर दबाव बनाने की समन्वित रणनीति का हिस्सा हो सकता है।
मुख्य बिंदु (Key Takeaways)
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बेलारूस से आने वाले गुब्बारों की लगातार घुसपैठ के कारण लिथुआनिया ने आपातकाल घोषित किया।
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गुब्बारों में तस्करी की गई सिगरेट थीं और वे बार-बार हवाई क्षेत्र का उल्लंघन कर रहे थे।
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कई घटनाओं के कारण मुख्य अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को बंद करना पड़ा, जिससे हजारों यात्री प्रभावित हुए।
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लिथुआनिया इन गुब्बारों को बेलारूस और रूस से जुड़े हाइब्रिड हमले के रूप में देखता है।
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आपातकाल का उद्देश्य हवाई निगरानी, सुरक्षा समन्वय और त्वरित प्रतिक्रिया क्षमता को मजबूत करना है।
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