Home   »   परिणामों की सूची: मॉरीशस के प्रधानमंत्री...

परिणामों की सूची: मॉरीशस के प्रधानमंत्री की भारत की राजकीय यात्रा

मॉरीशस के प्रधानमंत्री ने भारत का दौरा किया, जिसके दौरान सात समझौता ज्ञापनों (MoUs) पर हस्ताक्षर किए गए और विज्ञान, अंतरिक्ष, शिक्षा, नवीकरणीय ऊर्जा तथा सुशासन जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में प्रमुख घोषणाएँ की गईं। यह यात्रा भारत के हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) में गहराते जुड़ाव और मॉरीशस जैसे छोटे द्वीपीय विकासशील देशों के साथ रणनीतिक साझेदारी को सुदृढ़ करने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

हस्ताक्षरित समझौते न केवल क्षेत्र में भारत की आर्थिक और तकनीकी उपस्थिति को बढ़ाते हैं, बल्कि सतत विकास और क्षेत्रीय सुरक्षा जैसे अहम क्षेत्रों में पारस्परिक सहयोग को भी मजबूत करते हैं।

दौरे के दौरान प्रमुख समझौते (MoUs) पर हस्ताक्षर

  • विज्ञान और प्रौद्योगिकी – भारत के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग और मॉरीशस के तृतीयक शिक्षा, विज्ञान एवं अनुसंधान मंत्रालय ने संयुक्त अनुसंधान, नवाचार और वैज्ञानिक सहयोग को मजबूत करने के लिए समझौता किया।
  • महासागरीय अध्ययन (Oceanography)सीएसआईआर-राष्ट्रीय समुद्र विज्ञान संस्थान (भारत) और मॉरीशस ओशनोग्राफी संस्थान के बीच समुद्री संसाधनों और पर्यावरणीय निगरानी पर अनुसंधान हेतु समझौता हुआ।
  • लोक सेवा सुधारकर्मयोगी भारत (भारत के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के तहत) और मॉरीशस लोक सेवा एवं प्रशासनिक सुधार मंत्रालय ने सुशासन, ई-लर्निंग और सिविल सेवा प्रशिक्षण में श्रेष्ठ प्रथाओं के आदान-प्रदान हेतु समझौता किया।
  • ऊर्जा और विद्युत क्षेत्र – बिजली क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए नया समझौता हुआ, जिसमें नवीकरणीय ऊर्जा एकीकरण और ऊर्जा प्रबंधन शामिल हैं।
  • लघु विकास परियोजनाएँ – भारत ने लघु विकास परियोजनाओं के दूसरे चरण के तहत सामुदायिक बुनियादी ढांचे के लिए अनुदान सहायता प्रदान करने का वचन दिया।
  • हाइड्रोग्राफीहाइड्रोग्राफी में सहयोग संबंधी मौजूदा समझौते का नवीनीकरण हुआ, जो हिंद महासागर में नौवहन सुरक्षा और समुद्री क्षेत्र जागरूकता को समर्थन देगा।
  • अंतरिक्ष सहयोग – एक ऐतिहासिक समझौते के तहत मॉरीशस में टेलीमेट्री, ट्रैकिंग और दूरसंचार केंद्र स्थापित किया जाएगा। यह केंद्र भारत के उपग्रह एवं प्रक्षेपण यान मिशनों को सहयोग देगा और अंतरिक्ष अनुसंधान एवं अनुप्रयोगों में व्यापक साझेदारी को प्रोत्साहित करेगा।

प्रमुख घोषणाएँ

  • शैक्षणिक सहयोगआईआईटी मद्रास और यूनिवर्सिटी ऑफ मॉरीशस (Réduit) ने शैक्षणिक आदान-प्रदान, अनुसंधान सहयोग और तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने हेतु समझौता किया।
    इसके अतिरिक्त, भारतीय बागान प्रबंधन संस्थान, बेंगलुरु ने भी इसी विश्वविद्यालय के साथ कृषि और बागान विशेषज्ञता साझा करने के लिए समझौता किया।

  • नवीकरणीय ऊर्जा पहल – भारत मॉरीशस में तामारिंड फॉल्स पर 17.5 मेगावाट फ्लोटिंग सोलर पीवी परियोजना का समर्थन करेगा। एनटीपीसी लिमिटेड की टीम शीघ्र ही मॉरीशस जाकर वहां के केंद्रीय विद्युत बोर्ड (CEB) के साथ समझौते को अंतिम रूप देगी।

रणनीतिक संदर्भ और व्यापक महत्व

यह दौरा और इसके परिणाम भारत के उस रणनीतिक लक्ष्य से जुड़े हैं, जिसके तहत वह हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) में अपनी उपस्थिति मजबूत करना, सतत विकास को बढ़ावा देना और क्षेत्रीय सहयोग एवं क्षमता निर्माण के जरिए बाहरी प्रभावों का संतुलन करना चाहता है।

मॉरीशस, एक प्रमुख समुद्री पड़ोसी होने के नाते, भारत की SAGAR (Security and Growth for All in the Region) पहल में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। नए समझौते न केवल आर्थिक विकास बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा में भी भारत को एक विश्वसनीय साझेदार के रूप में स्थापित करते हैं।

परीक्षा हेतु मुख्य बिंदु

  • दौरे की तिथि: 11 सितंबर 2025

  • हस्ताक्षरित MoUs की संख्या: 7

  • प्रमुख क्षेत्र: विज्ञान, समुद्र विज्ञान, लोक प्रशासन, ऊर्जा, हाइड्रोग्राफी, अंतरिक्ष

  • घोषित प्रमुख परियोजना: तामारिंड फॉल्स पर 17.5 मेगावाट फ्लोटिंग सोलर पीवी

  • मॉरीशस के प्रधानमंत्री: नवीनचंद्र रामगुलाम

  • राजधानी: पोर्ट लुई

prime_image

TOPICS: