लैटिन अमेरिका के 12 देशों का एक गठबंधन सितंबर 2025 में “लैटैम-GPT” नामक क्षेत्र का पहला बड़ा कृत्रिम बुद्धिमत्ता भाषा मॉडल लॉन्च करने जा रहा है। यह मॉडल एक ओपन-सोर्स परियोजना के रूप में विकसित किया गया है, जिसका उद्देश्य एआई को अधिक सुलभ बनाना और लैटिन अमेरिका की विशिष्ट सांस्कृतिक और भाषाई विविधताओं को प्रतिबिंबित करना है।
पृष्ठभूमि
यह परियोजना चिली के नेशनल सेंटर फॉर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (CENIA) के नेतृत्व में 30 से अधिक क्षेत्रीय संस्थानों के सहयोग से चलाई जा रही है। “लैटैम-GPT” पर कार्य जनवरी 2023 में शुरू हुआ था, जिसे क्षेत्रीय विकास बैंक CAF और अमेज़न वेब सर्विसेज (AWS) का समर्थन प्राप्त है। यह मॉडल Llama 3 तकनीक पर आधारित है और इसे चिली की टारापाका विश्वविद्यालय सहित क्षेत्रीय सुपरकंप्यूटिंग और क्लाउड प्रणालियों की सहायता से प्रशिक्षित किया गया है।
महत्त्व
“लैटैम-GPT” लैटिन अमेरिका की तकनीकी आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह वैश्विक एआई मॉडलों पर निर्भरता को कम करेगा, जो मुख्यतः अंग्रेज़ी में प्रशिक्षित होते हैं। यह मॉडल स्कूलों, अस्पतालों और सार्वजनिक सेवाओं में एआई को सुलभ बनाकर एक लोकतांत्रिक उपकरण के रूप में कार्य करेगा। साथ ही यह भाषा समावेशिता और सांस्कृतिक प्रतिनिधित्व जैसे क्षेत्रीय मुद्दों को भी संबोधित करेगा, जिन्हें प्रचलित एआई प्रणालियों में अक्सर नजरअंदाज किया जाता है।
उद्देश्य
“लैटैम-GPT” का मुख्य उद्देश्य लैटिन अमेरिका में एआई को अपनाने को बढ़ावा देना है, विशेष रूप से एक ऐसे मॉडल के माध्यम से जो:
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स्थानीय संस्कृतियों और बोलियों को समझ सके,
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आदिवासी भाषाओं के संरक्षण को प्रोत्साहित करे,
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सार्वजनिक सेवा चैटबॉट्स और शैक्षणिक उपकरणों का विकास करे,
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और क्षेत्रीय नवाचार के लिए कम लागत वाला, ओपन-सोर्स विकल्प प्रदान करे।
मुख्य विशेषताएं
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मुफ्त उपयोग और विकास के लिए ओपन-सोर्स मॉडल।
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बेहतर प्रदर्शन के लिए Llama 3 एआई तकनीक पर आधारित।
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ईस्टर आइलैंड की मूल भाषा रापा नुई के लिए प्रारंभिक अनुवाद सुविधा।
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अन्य आदिवासी भाषाओं को भी समर्थन देने की योजना।
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वर्चुअल असिस्टेंट, वैयक्तिकृत शिक्षा और स्वास्थ्य देखभाल में संभावित उपयोग।
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CAF और AWS द्वारा समर्थित, हालांकि वर्तमान में कोई समर्पित बजट नहीं है।
प्रभाव
“लैटैम-GPT” लैटिन अमेरिका में डिजिटल समावेशन को नया रूप देगा। यह क्षेत्रीय सांस्कृतिक पहचान को प्रतिबिंबित कर स्थानीय उद्योगों को सशक्त बनाएगा, शिक्षा और स्वास्थ्य प्रणालियों को मजबूत करेगा तथा आदिवासी भाषाओं के संरक्षण को बढ़ावा देगा। यह पहल अन्य विकासशील क्षेत्रों के लिए भी एक प्रेरणास्त्रोत बन सकती है, जो वैश्विक तकनीकी प्रगति के साथ-साथ स्थानीय आवश्यकताओं और विरासत को संतुलित करना चाहते हैं।


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