किरण मजूमदार-शॉ, बायोकॉन ग्रुप की चेयरपर्सन, को भारतीय सोसाइटी फॉर क्वालिटी (ISQ) द्वारा प्रतिष्ठित जमशेदजी टाटा पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह सम्मान उन्हें भारत के बायोसाइंसेस क्षेत्र में उनके असाधारण योगदान और बायोकॉन को वैश्विक स्तर पर पहुंचाने में उनकी भूमिका के लिए दिया गया। यह पुरस्कार उनकी 1978 से चली आ रही अग्रणी कोशिशों को मान्यता देता है, जिन्होंने बायोकॉन को जैव प्रौद्योगिकी उद्योग में विश्व नेता बनाया और दुनिया भर के रोगियों पर सकारात्मक प्रभाव डाला।
पुरस्कार का महत्व और विरासत
जमशेदजी टाटा पुरस्कार, जिसे ISQ ने 2004 में स्थापित किया था, टाटा समूह के संस्थापक जमशेदजी टाटा के नाम पर है। यह पुरस्कार उन व्यावसायिक नेताओं को सम्मानित करता है जिन्होंने उत्कृष्ट गुणवत्ता, नवाचार और समाज के प्रति प्रतिबद्धता प्रदर्शित की है। मजूमदार-शॉ का इन मूल्यों के प्रति समर्पण जमशेदजी टाटा की विरासत को प्रतिबिंबित करता है, जिससे यह पुरस्कार उनके लिए विशेष महत्व रखता है।
पुरस्कार समारोह और मुख्य हस्तियां
यह पुरस्कार ISQ वार्षिक सम्मेलन 2024 के दौरान बेंगलुरु में प्रदान किया गया। इस आयोजन में उपस्थित प्रमुख हस्तियों में ISQ के अध्यक्ष जनक कुमार मेहता, टाटा स्टील के पूर्व उपाध्यक्ष बी. मुथुरमन, और आर.वी. कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के प्राचार्य और ISQ बेंगलुरु चैप्टर के अध्यक्ष डॉ. के. एन. सुब्रमण्य शामिल थे। मजूमदार-शॉ ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह पुरस्कार उनकी यात्रा और बायोकॉन की उत्कृष्ट टीम के सामूहिक प्रयासों का सम्मान है।
मजूमदार-शॉ का वक्तव्य
मजूमदार-शॉ ने इस पुरस्कार से अपनी गहरी जुड़ाव व्यक्त करते हुए कहा कि जमशेदजी टाटा की उत्कृष्टता और राष्ट्र-निर्माण की दृष्टि उनके बायोसाइंसेस के क्षेत्र में भारत को बदलने के प्रति अपने स्वयं के समर्पण से मेल खाती है। उन्होंने बायोकॉन की अपने उत्पादों और सेवाओं में उच्चतम गुणवत्ता की सतत खोज को रेखांकित किया और अपनी टीम के भीतर उत्कृष्टता के प्रति साझा जुनून पर जोर दिया।