कर्नाटक में 2024–25 वित्त वर्ष के दौरान वस्तु एवं सेवा कर (GST) चोरी के मामलों में भारी उछाल दर्ज किया गया। केंद्रीय जीएसटी (CGST) विभाग ने ₹39,577 करोड़ की कर चोरी का पता लगाया, जो पिछले वर्ष की तुलना में पांच गुना से अधिक है। यह जानकारी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में लिखित जवाब में दी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि केंद्रीय अधिकारियों ने केवल UPI लेनदेन के आधार पर कोई नोटिस जारी नहीं किया है।
वित्त वर्ष 2024–25 में GST चोरी का सार
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कुल चोरी की राशि: ₹39,577 करोड़
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कुल मामले: 1,254
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गिरफ्तारियां: 9
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स्वैच्छिक कर भुगतान: ₹1,623 करोड़
सीजीएसटी अधिकारियों की सघन जांच और प्रवर्तन कार्रवाई के चलते यह वृद्धि सामने आई है।
कर्नाटक में वर्षवार GST चोरी के आंकड़े
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2024–25: 1,254 मामले, ₹39,577 करोड़ चोरी, 9 गिरफ्तारियां, ₹1,623 करोड़ स्वैच्छिक भुगतान
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2023–24: 925 मामले, ₹7,202 करोड़ चोरी, 2 गिरफ्तारियां, ₹1,197 करोड़ स्वैच्छिक भुगतान
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2022–23: 959 मामले, ₹25,839 करोड़ चोरी, 2 गिरफ्तारियां, ₹1,705 करोड़ स्वैच्छिक भुगतान
UPI लेनदेन आधारित नोटिस पर स्पष्टीकरण
बेंगलुरु के छोटे व्यापारियों और दुकानदारों को डिजिटल लेनदेन के आधार पर उच्च मूल्य के जीएसटी नोटिस मिलने की खबरों पर वित्त मंत्री ने कहा:
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केंद्रीय जीएसटी अधिकारियों ने केवल UPI लेनदेन के आधार पर कोई नोटिस जारी नहीं किया।
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रिपोर्ट किए गए नोटिस राज्य जीएसटी कार्यालयों द्वारा भेजे गए थे, न कि केंद्रीय विभाग द्वारा।
सरकार की प्रतिक्रिया
वित्त मंत्री के बयान ने जीएसटी प्रवर्तन को लेकर व्यापारियों की चिंताओं को संबोधित किया और कर्नाटक में कर चोरी के मामलों में तेज़ वृद्धि पर प्रकाश डाला। अधिकारियों के अनुसार, इस बढ़ोतरी के पीछे बेहतर डेटा एनालिटिक्स, सूचना-साझाकरण और लक्षित निरीक्षण प्रमुख कारण हैं।


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