कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने मैसूर में राष्ट्रीय योग ओलंपियाड 2024 का उद्घाटन किया, जिसमें भारतीय संस्कृति में योग की अभिन्न भूमिका और इसके वैश्विक महत्व पर जोर दिया गया। देश भर के 400 से अधिक छात्र और 100 शिक्षक इस उद्घाटन तीन दिवसीय कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं।
पूरे कर्नाटक में योग को बढ़ावा देना
अपने संबोधन के दौरान, राज्यपाल गहलोत ने ‘हर घर योग’ जैसी पहलों के माध्यम से योग साक्षरता में कर्नाटक को अग्रणी राज्य बनाने के प्रयासों पर प्रकाश डाला। उन्होंने शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य के लिए योग के लाभों पर जोर दिया, और प्राचीन भारतीय शास्त्रों में इसकी जड़ों को स्वीकार किया। स्वामी विवेकानंद का उद्धरण देते हुए उन्होंने भारत की सांस्कृतिक विरासत में योग के योगदान और आध्यात्मिक कल्याण को बढ़ावा देने में इसकी भूमिका को रेखांकित किया।
राष्ट्रीय योग ओलंपियाड 2024: थीम और भागीदारी
इस वर्ष के ओलंपियाड की थीम ‘स्वयं और समाज के लिए योग’ है, जो समग्र व्यक्तिगत और सामुदायिक कल्याण के लिए इसके समावेशी स्वभाव को दर्शाती है। जिले से राष्ट्रीय स्तर तक चुने गए प्रतिभागी मैसूर के कर्नाटक राज्य मुक्त विश्वविद्यालय में अपने योग कौशल और ज्ञान का प्रदर्शन करने के लिए एकत्र हुए हैं।
वैश्विक प्रभाव और मान्यता
राज्यपाल गहलोत ने योग को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वैश्विक पहल को याद किया, जिसका परिणाम संयुक्त राष्ट्र द्वारा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को अपनाने के रूप में निकला। उन्होंने ‘योग का गुरु’ के रूप में भारत की प्रतिष्ठा की पुष्टि की, इसके व्यापक स्वीकृति का श्रेय इसके स्थायी आध्यात्मिक और स्वास्थ्य लाभों को दिया।