राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में प्रदूषण से निपटने की दिशा में निर्णायक कदम उठाते हुए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश को पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए अनिवार्य दिशानिर्देश जारी किए हैं। यह कदम सुप्रीम कोर्ट के एम.सी. मेहता बनाम भारत संघ मामले में दिए गए आदेश के अनुपालन में लिया गया है और इसका उद्देश्य धान की कटाई के मौसम में वायु गुणवत्ता में सुधार लाना है।
क्यों चर्चा में?
CAQM के ये निर्देश इस कारण से महत्वपूर्ण हैं क्योंकि पराली जलाना उत्तर भारत में खासकर सर्दियों के दौरान गंभीर वायु प्रदूषण का प्रमुख कारण है। दिल्ली-NCR की हवा हर साल खराब होती जा रही है, और इन निर्देशों के माध्यम से टिकाऊ व निवारक कृषि उपायों को संस्थागत रूप देने का प्रयास किया जा रहा है।
CAQM के प्रमुख निर्देश
1. समर्पित “पराली संरक्षण बल” का गठन:
पुलिस अधिकारियों और कृषि विभाग के कर्मियों को शामिल कर निगरानी व प्रवर्तन सुनिश्चित करना।
2. ईंट भट्टों में धान के भूसे से बने पैलेट/ब्रिकेट्स का अनिवार्य उपयोग:
जैसे थर्मल पावर प्लांट में को-फायरिंग में उपयोग किया जाता है, वैसे ही कच्ची पराली जलाने से बचाव।
3. प्रत्येक खेत की मैपिंग:
यह निर्धारित करने के लिए कि कहाँ इन-सीटू (फील्ड में ही प्रबंधन) या एक्स-सीटू (फील्ड के बाहर उपयोग) उपाय लागू किए जा सकते हैं; साथ ही फसल विविधिकरण को भी बढ़ावा देना।
4. धान के भूसे के लिए सामान्य खरीद दर तय करना:
पंजाब और यूपी को हरियाणा के मॉडल के अनुसार भूसे की खरीद के लिए एकसमान दर तय करनी होगी ताकि किसानों को प्रोत्साहन मिल सके।
5. एक्स-सीटू प्रबंधन प्रथाओं को बढ़ावा देना:
बेलर, रेकर और अन्य मशीनों के उपयोग को बढ़ावा देना ताकि फसल अवशेष को हटाकर उसका पुनः उपयोग किया जा सके।
6. तकनीकी एकीकरण:
पराली जलाने की घटनाओं की निगरानी और रिपोर्टिंग के लिए एक रियल-टाइम डेटा प्लेटफ़ॉर्म की स्थापना।
7. फसल अवशेष प्रबंधन (CRM) मशीनों की सूची की समीक्षा:
राज्य सरकारें यह सुनिश्चित करेंगी कि उनके पास उपलब्ध मशीनरी का सटीक मूल्यांकन हो और उनका प्रभावी ढंग से उपयोग हो।
सारांश / स्थैतिक | विवरण |
क्यों चर्चा में? | उत्तर भारत में पराली जलाने पर रोक लगाने के लिए CAQM ने नए निर्देश जारी किए |
जारी करने वाली संस्था | वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) |
प्रभावित राज्य | पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश |
सुप्रीम कोर्ट मामला | एम.सी. मेहता बनाम भारत संघ |
मुख्य निर्देश | पराली जलाने पर रोक, CRM को बढ़ावा, पराली संरक्षण बल का गठन |
प्रौद्योगिकी उपयोग | रीयल-टाइम निगरानी प्लेटफ़ॉर्म |
खेत-स्तरीय कार्रवाई | खेतों की मैपिंग, भूसे की खरीद के लिए सामान्य दर तय करना |
उपकरणों का उपयोग | बेलर, रेकर, पेलेट बनाने की मशीनें – एक्स-सीटू पराली प्रबंधन के लिए |