केंद्रीय इस्पात मंत्री, ज्योतिरादित्य सिंधिया ने नई दिल्ली में भारत का पहला ग्रीन स्टील ब्रांड “कल्याणी फेरेस्टा” लॉन्च किया। अपनी तरह के इस पहले स्टील का निर्माण पुणे स्थित स्टील कंपनी, कल्याणी समूह द्वारा नवीकरणीय ऊर्जा संसाधनों का उपयोग करके किया गया है, जिससे पर्यावरण में शून्य कार्बन पदचिह्न छोड़े गए हैं।
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यह पहल कैसे मदद करती है?
- कल्याणी समूह की पहल स्टील क्षेत्र की लंबे समय से चली आ रही पहचान को कार्बन-उत्सर्जक ‘हार्ड टू एबेट सेक्टर’ के रूप में कम कार्बन उत्सर्जक-हरित इस्पात-उत्पादक उद्योग में बदलने में मदद करेगी।
- इस्पात उद्योग अंतरराष्ट्रीय स्तर पर CO2 उत्सर्जन का 7 प्रतिशत उत्पादन करता है, जबकि भारतीय इस्पात उद्योग ऐसे उत्सर्जन का 12 प्रतिशत हिस्सा है। व्यापक रूप से उपयोग किए जाने वाले कोकिंग कोयले के बजाय कम कार्बन ऊर्जा स्रोतों जैसे हाइड्रोजन, कोयला गैसीकरण और बिजली का उपयोग करके ग्रीन स्टील का निर्माण किया जाता है। कंपनी ने 76,484 कुल कार्बन डाइऑक्साइड (tCO2) उत्सर्जन से बचा लिया, पानी की खपत में 10 प्रतिशत की कमी की और अपने कचरे का 99.4 प्रतिशत पुनर्नवीनीकरण किया।
ग्रीन स्टील क्या है?
ग्रीन स्टील जीवाश्म ईंधन के उपयोग के बिना स्टील का निर्माण है। यह नई घटना कोयले से चलने वाले संयंत्रों के पारंपरिक कार्बन-गहन निर्माण मार्ग के बजाय कम कार्बन ऊर्जा स्रोतों जैसे हाइड्रोजन, कोयला गैसीकरण, या बिजली का उपयोग करके स्टील का उत्पादन करने के बारे में है।