केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने भारत की पहली खारे पानी से रोशन होने वाली लालटेन का अनावरण किया। इस लालटेन का नाम रोशनी रखा गया है। इसकी खास बात यह है कि इस लालटेन में एलईडी बल्ब को जलाने के लिए समुद्र के पानी का इस्तेमाल किया जाता है, जो खासतौर से तैयार किए गए इलेक्ट्रोड के बीच इलेक्ट्रोलाइट के तौर पर काम करता है।
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भारत के गहरे महासागर मिशन के कामकाज को देखने के लिए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कोस्टल रिसर्च वेसल सागर अन्वेषिका का दौरा किया। इसे राष्ट्रीय महासागर प्रौद्योगिकी संस्थान, चेन्नई संचालित करता है। उन्होंने कहा कि खारे पानी की लालटेन गरीबों और जरूरतमंदों के लिए काफी कारगर साबित होगी। यह लालटेन देश की 7500 किलोमीटर लंबी तटीय रेखा के किनारे रहने वाले मछुआरों का जीवन आसान कर देगी। इस तकनीक का इस्तेमाल उन इलाकों में भी किया जा सकता है, जहां समुद्र का पानी नहीं है। सामान्य पानी में भी नमक को मिलाकर इस लालटेन का इस्तेमाल किया जा सकता है।
सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण तथ्य:
- राष्ट्रीय महासागर प्रौद्योगिकी संस्थान की स्थापना: 1993;
- राष्ट्रीय महासागर प्रौद्योगिकी संस्थान निदेशक: डॉ गिदुगु आनंद रामदास;
- राष्ट्रीय महासागर प्रौद्योगिकी संस्थान मूल एजेंसी: पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय।
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