केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान और प्रौद्योगिकी डॉ जितेंद्र सिंह (Jitendra Singh) ने प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड (Technology Development Board – TDB) से वित्तीय सहायता के साथ नवीन प्रौद्योगिकी के माध्यम से जल शोधन के लिए भारतीय संस्थान प्रौद्योगिकी (आईआईटी) के पूर्व छात्रों द्वारा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) संचालित स्टार्ट-अप लॉन्च किया है। इस सुविधा का उद्देश्य बाजार मूल्य से काफी कम कीमत पर स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराना है।
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विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के एक सांविधिक निकाय टीडीबी और स्वजल वाटर प्राइवेट लिमिटेड (Swajal Water Private Limited) के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर भी हस्ताक्षर किए गए। गुरुग्राम स्थित कंपनी की पेटेंट प्रणाली, ‘क्लेयरवॉयंट (Clairvoyant)’ शुद्धिकरण प्रणालियों को अनुकूलित करने और भविष्य के टूटने की भविष्यवाणी करने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग करती है। कंपनी झुग्गी बस्तियों, गांवों और उच्च उपयोगिता वाले क्षेत्रों के लिए आईओटी सक्षम बिंदु सौर जल शोधन इकाई पर अपनी परियोजना के लिए सस्ती कीमत पर समुदायों के लिए विश्वसनीय स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए नवीन तकनीकों पर ध्यान केंद्रित कर रही है।