रूप में गठन को चिह्नित करता है। इससे पहले झारखंड दक्षिण बिहार का हिस्सा था। 15 नवंबर को एक और विशेषता मिलती है, क्योंकि यह प्रसिद्ध आदिवासी नेता और स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा की जयंती भी है।
झारखंड स्थापना दिवस का इतिहास
2000 से पहले, झारखंड बिहार का हिस्सा था। इस क्षेत्र के कई आदिवासी समुदाय अपनी अनदेखी और उचित प्रतिनिधित्व की कमी के कारण अपने राज्य की मांग कर रहे थे। झारखंड की अलग पहचान की मांग 1900 के शुरुआती दौर में शुरू हुई, जब आदिवासी नेताओं ने अपनी अनूठी संस्कृति और परंपराओं को मान्यता दिलाने के लिए प्रयास किए।
2000 में, भारतीय संसद ने बिहार पुनर्गठन अधिनियम (Bihar Reorganization Act) पारित किया, जिसने झारखंड को एक अलग राज्य के रूप में मान्यता दी। यह उन आदिवासी समुदायों की एक बड़ी उपलब्धि थी, जिन्होंने आत्म-शासन के अधिकार के लिए लंबे समय तक संघर्ष किया।
झारखंड स्थापना दिवस 2024 का उत्सव
हर साल झारखंड स्थापना दिवस को बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। राज्य की राजधानी रांची और अन्य जिलों में कई कार्यक्रम आयोजित होते हैं।
- संस्कृतिक प्रदर्शन: इन कार्यक्रमों में झारखंड की पारंपरिक नृत्य शैलियाँ, जैसे छऊ नृत्य, और संगीत प्रस्तुतियाँ होती हैं।
- भाषण और सम्मान समारोह: इस दिन राज्य के विकास और योगदानकर्ताओं को सम्मानित किया जाता है।
- खेलकूद और प्रतियोगिताएँ: युवाओं में एकता और खेल भावना को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न खेलकूद और प्रतियोगिताएँ आयोजित की जाती हैं।
- जागरूकता कार्यक्रम: झारखंड की उपलब्धियों और इसकी अनूठी संस्कृति के संरक्षण के महत्व पर जागरूकता अभियान चलाए जाते हैं।
झारखंड की समृद्ध संस्कृति
झारखंड अपनी जीवंत आदिवासी संस्कृति और परंपराओं के लिए प्रसिद्ध है।
- त्योहार:
- सोहराय: पशुओं का त्योहार।
- सरहुल: फूलों का त्योहार।
- माघे परब: फसल कटाई के बाद मनाया जाने वाला उत्सव।
- नृत्य और कला:
झारखंड की नृत्य शैली छऊ नृत्य एक मुखौटा नृत्य है, जो अपनी आकर्षक प्रस्तुति के लिए प्रसिद्ध है।
झारखंड का प्राकृतिक और खनिज संपदा
झारखंड प्राकृतिक सुंदरता और खनिज संसाधनों से भरपूर राज्य है।
- प्राकृतिक स्थल:
- राज्य में पंचेत डैम जैसे जलाशय और कई वन्यजीव अभयारण्य हैं।
- धार्मिक स्थलों में बैद्यनाथ धाम, पारसनाथ, और रजरप्पा प्रमुख हैं।
- खनिज संसाधन:
झारखंड कोयला, लौह अयस्क, तांबा अयस्क, यूरेनियम आदि जैसे खनिजों का भंडार है। - कृषि:
झारखंड की लगभग 80% जनसंख्या कृषि पर निर्भर करती है, और चावल यहाँ की मुख्य फसल है।
झारखंड स्थापना दिवस न केवल राज्य की ऐतिहासिक उपलब्धियों का जश्न मनाने का अवसर है, बल्कि इसकी समृद्ध संस्कृति, प्राकृतिक संसाधनों और आदिवासी परंपराओं को संरक्षित करने की प्रेरणा भी है।