हाल ही में, एक जापानी अंतरिक्ष स्टार्टअप ispace Inc ने अपने HAKUTO-R मिशन के तहत स्पेसएक्स (SpaceX) फाल्कन 9 रॉकेट से चंद्रमा पर अपना निजी लैंडर M1 लॉन्च किया है। यह जापान और किसी निजी कंपनी द्वारा अपनी तरह का पहला चंद्र मिशन है। इस मिशन के तहत ‘लैंडर’ को चंद्रमा पर पहुंचने में लगभग पांच महीने लगेंगे। जापान की कंपनी आईस्पेस के ‘हाकुतो-आर मिशन 1’ के तहत ‘लैंडर’ व ‘रोवर’ को चंद्रमा पर भेजा गया है।
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M1 लैंडर में जापान की JAXA अंतरिक्ष एजेंसी से दो रोबोटिक रोवर, दो-पहियों वाले नारंगी के आकार के उपकरण और UAE द्वारा दुबई शाही परिवार के संरक्षक ‘राशिद’ के नाम पर एक चार-पहिया रोवर तैनात करेगा। यदि रोवर राशिद सफलतापूर्वक उतरता है, तो यह अरब दुनिया का पहला चंद्र मिशन होगा। अभी तक मात्र अमेरिका, रूस और चीन ही चंद्रमा की सतह पर रोबोट पहुँचाने में सफल हुए हैं।
इसे इस तरह से डिज़ाइन किया गया है कि यह न्यूनतम ईंधन का उपयोग करेगा और कार्गो के लिये अधिक स्थान प्रदान करेगा। यह पृथ्वी से 1.6 मिलियन किलोमीटर (दस लाख मील) की यात्रा कम गति, कम ऊर्जा वाले प्रक्षेपवक्र पर चंद्रमा की ओर कर रहा है, जहाँ यह लूपिंग रिटर्न करने के बाद अप्रैल के अंत तक पहुँच जाएगा।
इसका उद्देश्य एटलस क्रेटर में नीचे उतरने से पहले जल के भंडार की खोज करना है, जो चंद्रमा के निकट के हिस्से के उत्तरपूर्वी क्षेत्र में स्थित है और 87 किमी (54 मील) से अधिक चौड़ा एवं 2 किमी (1.2 मील) से अधिक गहरा है। जापान ने नासा के साथ 2025 से चंद्रमा पर पेलोड भेजने के लिये एक अनुबंध किया है जिसका उद्देश्य 2040 तक स्थायी रूप से कर्मचारियों वाली चंद्र कॉलोनी बनाने का लक्ष्य है।
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