हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत और जापान के बीच समुद्री सहयोग को और अधिक मज़बूती देने के उद्देश्य से जापान कोस्ट गार्ड का प्रशिक्षण पोत ‘इत्सुकुशिमा’ 08 जुलाई 2025 को चेन्नई बंदरगाह पर आ पहुंचा। कप्तान नाओकी मिज़ोगुची के नेतृत्व में यह यात्रा, जापान कोस्ट गार्ड की वैश्विक महासागरीय यात्रा का हिस्सा है, जिसके अंतर्गत दोनों देशों की समुद्री सुरक्षा एजेंसियों के बीच व्यावसायिक और रणनीतिक संबंधों को नई ऊर्जा दी जा रही है।
गर्मजोशी से स्वागत और यात्रा का उद्देश्य
जापानी जहाज इत्सुकुशिमा, जिसकी कमान कैप्टन नाओकी मिज़ोगुची के हाथों में है, के चेन्नई पहुँचने पर पारंपरिक भारतीय तरीके से स्वागत किया गया। यह यात्रा जापान की विश्वव्यापी प्रशिक्षण यात्रा का हिस्सा है। इसका मुख्य उद्देश्य भारतीय तटरक्षक बल (ICG) और जापान तटरक्षक बल (JCG) के बीच सहयोग और आपसी समझ को बढ़ाना है।
भारत की समुद्री पहल का समर्थन
यह दौरा भारत और जापान के बीच मजबूत मित्रता को दर्शाता है और SAGAR (क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास) तथा इंडो-पैसिफिक ओशन्स इनिशिएटिव जैसी भारत की समुद्री पहल का समर्थन करता है। इन पहलों का मकसद समुद्रों को सभी के लिए स्वतंत्र, खुले और सुरक्षित बनाना है।
चेन्नई प्रवास के दौरान जापानी दल कई संयुक्त गतिविधियों में भाग लेगा, जिनमें शामिल हैं:
भारतीय तटरक्षक बल के जवानों के साथ संवादात्मक सत्र
इसके अलावा, उप-एडमिरल हिरोआकी काओसुए के नेतृत्व में एक जापानी प्रतिनिधिमंडल भारतीय तटरक्षक बल के महानिदेशक परमेश शिवमणि से मुलाकात करेगा। एक अन्य बैठक पूर्वी समुद्री तट पर तैनात अतिरिक्त महानिदेशक डॉनी माइकल के साथ निर्धारित है।
ये सभी गतिविधियाँ भारत और जापान के तटरक्षक बलों के बीच रणनीतिक सहयोग और समुद्री सुरक्षा के क्षेत्र में समन्वय को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं।
संयुक्त समुद्री अभ्यास और भावी सहयोग
चेन्नई से रवाना होने के बाद, जापान कोस्ट गार्ड का जहाज JCGS Itsukushima भारतीय तटरक्षक बल के साथ एक संयुक्त समुद्री अभ्यास में भाग लेगा, जिसे ‘जा माता’ नाम दिया गया है। जापानी भाषा में ‘जा माता’ का अर्थ होता है “फिर मिलेंगे”। यह अभ्यास समुद्र में वास्तविक समय की परिस्थितियों में दोनों देशों की तटरक्षक एजेंसियों के बीच समन्वय, संचार और संचालन क्षमता को बेहतर बनाने के उद्देश्य से आयोजित किया जा रहा है। यह अभ्यास भारत और जापान के बीच समुद्री सुरक्षा सहयोग को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
इसके साथ ही, चार भारतीय तटरक्षक अधिकारी इस अभ्यास के हिस्से के रूप में जापानी जहाज पर सवार होकर सिंगापुर तक की यात्रा करेंगे। यह यात्रा सी राइडर्स एक्सचेंज प्रोग्राम का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य दोनों देशों के तटरक्षक बलों के बीच मजबूत मित्रता और आपसी समझ को बढ़ावा देना है।