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जानिक सिनर ने कार्लोस अल्‍कराज को हराकर जीता विंबलडन खिताब

विश्व नंबर एक जानिक सिनर ने ऑल इंग्लैंड क्लब पर इतिहास रचते हुए पहली बार विंबलडन ट्रॉफी अपने नाम की। सिनर ने ग्रासकोर्ट पर लगातार दो वर्ष से खिताब जीतने वाले स्पेन के कार्लोस अल्‍कराज को तीन घंटे चले फाइनल मुकाबले में 4-6, 6-4, 6-4, 6-4 से हराकर खिताब जीता। सिनर विंबडलन खिताब जीतने वाले इटली के पहले खिलाड़ी बने। इसके साथ ही सिनर ने पिछले महीने फ्रेंच ओपन के फाइनल में अल्‍कराज से मिली हार का भी हिसाब चुकता कर लिया। यह सिनर के करियर का चौथा ग्रैंड स्लैम खिताब है।

सिनर की विंबलडन में बड़ी जीत

23 वर्षीय इटली के जानिक सिनर ने स्पेन के 22 वर्षीय कार्लोस अल्‍कराज को सेंटर कोर्ट, ऑल इंग्लैंड क्लब में खेले गए मुकाबले में चार सेटों में 4-6, 6-4, 6-4, 6-4 से हराया। इस जीत के साथ अल्‍कराज की 24 मैचों की अपराजेय लय और विंबलडन में 20 मैचों की जीत की श्रृंखला का अंत हो गया।

सिनर ने पूरे मैच में जबरदस्त एकाग्रता और ऊर्जा दिखाई, खासकर तब जब दबाव बहुत ज़्यादा था। चौथे सेट में, जब वह अपनी सर्विस पर 15-40 से पिछड़ रहे थे, तब उन्होंने दो ब्रेक प्वाइंट बचाए और अंत में मैच जीत लिया। जीतने के बाद वह घास पर झुककर खुशी से झूम उठे और ज़मीन पर मुक्के मारकर अपनी खुशी जताई।

एक यादगार प्रतिद्वंद्विता

यह विंबलडन फाइनल जून 2025 के फ्रेंच ओपन फाइनल का रीमैच था, जहां अल्‍कराज ने सिनर को पांच सेटों के रोमांचक मुकाबले में हराया था। उस हार से सिनर बेहद आहत हुए थे, लेकिन विंबलडन में उनकी वापसी ने उनके मानसिक मजबूती का प्रमाण दिया। अब इन दोनों खिलाड़ियों ने पिछले सात ग्रैंड स्लैम खिताबों में से चार-चार आपस में बांटे हैं, जिससे यह साफ हो गया है कि ये दोनों आज के पुरुष टेनिस के सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वी हैं।

आखिरी बार जब एक ही साल में फ्रेंच ओपन और विंबलडन के फाइनल में एक ही जोड़ी पहुंची थी, वह 2006, 2007 और 2008 में राफेल नडाल और रोजर फेडरर के बीच हुआ था।

सिनर का शानदार सीज़न

सिनर लगातार चार ग्रैंड स्लैम फाइनल में खेल चुके हैं—यूएस ओपन (सितंबर 2024), ऑस्ट्रेलियन ओपन (जनवरी 2025) और अब विंबलडन 2025 जीतकर उन्होंने अपनी ताकत और निरंतरता साबित की है। सेमीफाइनल में उन्होंने दिग्गज नोवाक जोकोविच को हराकर फाइनल में जगह बनाई थी। टूर्नामेंट के दौरान उन्होंने अपनी दाहिनी कोहनी में चोट के बावजूद बाजू पर सुरक्षा पट्टी बांधकर खेला और कभी दर्द जाहिर नहीं किया। उन्होंने दिखा दिया कि वह अब टेनिस जगत के सबसे भरोसेमंद और शक्तिशाली खिलाड़ियों में से एक हैं।

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vikash

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