6 जनवरी, 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअली जम्मू रेलवे डिवीजन का उद्घाटन किया, जो उत्तरी रेलवे ज़ोन का 69वां डिवीजन बन गया। इस महत्वपूर्ण पहल का उद्देश्य भारत के उत्तरी क्षेत्रों में कनेक्टिविटी को बढ़ाना और सामाजिक-आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करना है।
जम्मू रेलवे डिवीजन का रणनीतिक महत्व
नया डिवीजन, जिसका मुख्यालय जम्मू में है, 742.1 रूट किलोमीटर के नेटवर्क को कवर करता है। इसमें निम्नलिखित प्रमुख खंड शामिल हैं:
- पठानकोट-जम्मू-उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला (423 किमी)
- भोगपुर-शिर्वाल-पठानकोट (87.21 किमी)
- बटाला-पठानकोट (68.17 किमी)
- पठानकोट-जोगिंदर नगर नैरो गेज लाइन (163.72 किमी)
इसका गठन फिरोजपुर डिवीजन से अलग कर किया गया है, जिससे जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब और लेह-लद्दाख क्षेत्रों में ट्रेन संचालन और प्रबंधन में सुधार होगा।
डिवीजन में कई प्रतिष्ठित परियोजनाएं शामिल हैं, जैसे:
- उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक (USBRL)
- अंजी खड पुल: भारत का पहला केबल-स्टे रेल पुल
- चिनाब रेल पुल: 359 मीटर ऊँचा, दुनिया का सबसे ऊँचा रेलवे आर्च पुल
क्षेत्रीय विकास पर प्रभाव
जम्मू रेलवे डिवीजन का उद्घाटन क्षेत्रीय विकास के लिए उत्प्रेरक साबित होगा।
- पर्यटन: रेल संपर्क बढ़ने से पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होगी।
- रोज़गार: नए अवसर सृजित होंगे।
- सामान और लोगों की आवाजाही: तेज़ और सुगम होगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने इसे जम्मू-कश्मीर को राष्ट्रीय रेलवे नेटवर्क में एकीकृत करने की दिशा में एक बड़ा कदम बताया, जो भारत की सामूहिक प्रगति का प्रतीक है।
ऐतिहासिक संदर्भ और भविष्य की संभावनाएं
- यह डिवीजन लंबे समय से जनता की मांग रही है।
- दिल्ली से श्रीनगर तक सीधी ट्रेन सेवा शुरू होने का मार्ग प्रशस्त होगा, जिसकी अंतिम परीक्षण यात्रा 7 और 8 जनवरी, 2025 को निर्धारित है।
- यह पहल कश्मीर से कन्याकुमारी तक निर्बाध कनेक्टिविटी के सपने को साकार करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है।
- यह भारत को अधिक सुलभ और एकीकृत बनाने के दृष्टिकोण को सशक्त करता है।
समाचार में क्यों? | मुख्य बिंदु |
जम्मू रेलवे डिवीजन का उद्घाटन | जम्मू भारतीय रेल का 69वां रेलवे डिवीजन बना, जो उत्तरी रेलवे ज़ोन के अंतर्गत आता है। |
उद्घाटन की तिथि | 6 जनवरी, 2025, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वर्चुअल माध्यम से उद्घाटन। |
रूट लंबाई | डिवीजन में 742.1 रूट किलोमीटर शामिल। |
प्रमुख खंड | पठानकोट-जम्मू-उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला, भोगपुर-शिर्वाल-पठानकोट, बटाला-पठानकोट, और पठानकोट-जोगिंदर नगर रेल लाइन। |
प्रमुख इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाएँ | उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक (USBRL), अंजी खड पुल, चिनाब रेल पुल (दुनिया का सबसे ऊँचा)। |
डिवीजन मुख्यालय | जम्मू। |
पूर्व डिवीजन | फिरोजपुर डिवीजन से अलग कर बनाया गया। |
प्रभाव | जम्मू, कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, और लेह-लद्दाख क्षेत्रों में रेल संपर्क में सुधार। |
भविष्य की योजना | 7-8 जनवरी, 2025 को नई दिल्ली से श्रीनगर के बीच सीधी ट्रेन सेवा के परीक्षण। |
दृष्टिकोण | कश्मीर से कन्याकुमारी तक निर्बाध रेल संपर्क का लक्ष्य। |