वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के लिए वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 1.18 लाख करोड़ रुपये का अंतरिम बजट प्रस्तावित किया। अंतरिम बजट में 20,760 करोड़ रुपये के राजकोषीय घाटे और सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) में 7.5 प्रतिशत की वृद्धि की परिकल्पना की गई है।
संसद में सीतारमण द्वारा पेश अंतरिम बजट के अनुसार, वित्तीय वर्ष के लिए पूंजीगत व्यय 38,566 करोड़ रुपये प्रस्तावित किया गया है, जो जीएसडीपी का 14.64 प्रतिशत है। अगले वित्त वर्ष के लिए राजस्व प्राप्तियां 97,861 करोड़ रुपये रहीं।
सीतारमण के अनुसार, 2019 में किए गए महत्वपूर्ण सुधारों ने केंद्र शासित प्रदेश सरकार द्वारा शासन संरचना को विकेंद्रीकृत करने, समावेशी विकास को बढ़ावा देने, उच्च राजस्व सृजन और बुनियादी ढांचे के विकास को बढ़ाने के लिए ‘अग्रणी’ उपायों को सक्षम किया। सीतारमण ने कहा कि सरकार आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए पहलों को लागू करने के साथ-साथ सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कानून और व्यवस्था बना रही है। इसके साथ ही सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है।
सुरक्षा बल आतंकवाद से निपटने के लिए प्रभावी और निरंतर कार्रवाई कर रहे हैं। वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि प्रभावी उपायों और प्रयासों के कारण जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा परिदृश्य में काफी सुधार हुआ है।
अंतरिम बजट में नई सरकार के गठन और फिर उसकी ओर से बजट पारित किए जाने तक खर्च की अनुमति होती है। इस बजट में नई सरकार के बजट आने तक खर्च और आय का ब्योरा दिया जाता है। यह नए बजट के आने तक के लिए एक अस्थायी प्रावधान होता है। इसी के चलते इसे अंतरिम बजट कहा जाता है।
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