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जम्मू-कश्मीर बना पीएम विश्वकर्मा योजना लागू करने वाला पहला केंद्र शासित प्रदेश

जम्मू-कश्मीर बना पीएम विश्वकर्मा योजना लागू करने वाला पहला केंद्र शासित प्रदेश |_3.1

जम्मू और कश्मीर ने पीएम विश्वकर्मा योजना को लागू करने वाला पहला केंद्र शासित प्रदेश (यूटी) बनकर कारीगरों और शिल्पकारों के अपने जीवंत समुदाय को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।

जम्मू और कश्मीर ने पीएम विश्वकर्मा योजना (पीएमवीवाई) को लागू करने वाला पहला केंद्र शासित प्रदेश (यूटी) बनकर कारीगरों और शिल्पकारों के अपने जीवंत समुदाय को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। सितंबर 2023 में केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई इस पहल का उद्देश्य भारत की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित और समृद्ध करने में इन कुशल व्यक्तियों की महत्वपूर्ण भूमिका को ऊपर उठाना और पहचानना है।

एक नई शुरुआत का उद्घाटन

जम्मू-कश्मीर में पीएमवीवाई की आधिकारिक शुरुआत 2 जनवरी, 2024 को हुई, जो केंद्रशासित प्रदेश के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर था। वस्तुतः आयोजित उद्घाटन समारोह में उपराज्यपाल के सलाहकार, राजीव राय भटनागर और केंद्रीय कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) के सचिव की भागीदारी देखी गई। समारोह में ‘दारजी शिल्प’ में विशेषज्ञता वाले 30 प्रशिक्षुओं (विश्वकर्मा) के पहले बैच के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत भी हुई।

पूरे जम्मू-कश्मीर में विश्वकर्मा को सशक्त बनाना

पीएमवीवाई पहल के प्रति जम्मू-कश्मीर प्रशासन की प्रतिबद्धता प्रारंभिक लॉन्च से आगे तक फैली हुई है। सलाहकार भटनागर ने पुष्टि की कि व्यापक पहुंच और समावेशिता सुनिश्चित करते हुए यह योजना जल्द ही केंद्र शासित प्रदेश के सभी जिलों में लागू की जाएगी। इस व्यापक दृष्टिकोण का लक्ष्य जम्मू-कश्मीर में एक संपन्न कारीगर पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देते हुए, यथासंभव अधिक से अधिक विश्वकर्माओं तक पहुंचना और उन्हें सशक्त बनाना है।

पीएमवीवाई की मुख्य विशेषताएं

  • मान्यता और प्रमाणन: यह योजना पीएम विश्वकर्मा प्रमाण पत्र और आईडी कार्ड जारी करके कारीगरों और शिल्पकारों को औपचारिक मान्यता प्रदान करती है। यह मान्यता न केवल उनके कौशल और विशेषज्ञता को मान्य करती है बल्कि नए अवसरों और बाजार पहुंच के द्वार भी खोलती है।
  • कौशल विकास और प्रशिक्षण: पीएमवीवाई बुनियादी और उन्नत दोनों प्रशिक्षण कार्यक्रमों की पेशकश करके विश्वकर्माओं के कौशल को बढ़ाने पर केंद्रित है। बुनियादी प्रशिक्षण पांच से सात दिनों तक चलता है, जबकि उन्नत प्रशिक्षण विशिष्ट शिल्पों में गहराई से उतरता है और 15 दिनों या उससे अधिक तक चलता है। यह संरचित दृष्टिकोण निरंतर सीखने और कौशल विकास को सुनिश्चित करता है, जिससे कारीगरों को बाजार में प्रतिस्पर्धी और प्रासंगिक बने रहने में मदद मिलती है।
  • वित्तीय सहायता और प्रोत्साहन: विश्वकर्मा को और अधिक सशक्त बनाने के लिए, योजना उन्हें प्रशिक्षण के दौरान ₹500 का दैनिक वजीफा प्रदान करती है। इसके अतिरिक्त, कार्यक्रम के सफल समापन पर, प्रत्येक प्रशिक्षु को ₹15,000 मूल्य का एक निःशुल्क आधुनिक टूलकिट मिलता है। यह वित्तीय सहायता वित्तीय बाधाओं को कम करती है और कारीगरों को उनके उद्यमशीलता उद्यम को शुरू करने के लिए आवश्यक उपकरणों से सुसज्जित करती है।
  • क्रेडिट सहायता और विपणन सहायता: पीएमवीवाई क्रेडिट-आधारित सॉफ्ट लोन के साथ संबंध स्थापित करके प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता से आगे निकल जाती है। इससे पूंजी तक पहुंच सुगम हो जाती है, जिससे कारीगरों को अपने व्यवसायों में निवेश करने और अपने परिचालन का विस्तार करने में मदद मिलती है। इसके अलावा, यह योजना विश्वकर्मों को व्यापक दर्शकों तक पहुंचने और उनके उत्पादों को प्रभावी ढंग से बढ़ावा देने में मदद करने के लिए विपणन सहायता प्रदान करती है।

आशा की किरण

जम्मू-कश्मीर में पीएमवीवाई का सक्रिय कार्यान्वयन यूटी के कारीगर समुदाय के लिए आशा की किरण के रूप में कार्य करता है। व्यापक सहायता प्रदान करके और कौशल विकास और उद्यमिता के लिए अनुकूल माहौल को बढ़ावा देकर, यह योजना जम्मू-कश्मीर के प्रतिभाशाली विश्वकर्मों के लिए एक उज्जवल भविष्य का मार्ग प्रशस्त करती है। उनकी सशक्त उपस्थिति न केवल केंद्रशासित प्रदेश के आर्थिक विकास में योगदान देगी बल्कि जम्मू और कश्मीर की अनूठी सांस्कृतिक टेपेस्ट्री को संरक्षित और समृद्ध भी करेगी।

यह पहल भारत के कारीगर समुदाय को सशक्त बनाने और देश की सांस्कृतिक विरासत में उनके अमूल्य योगदान को पहचानने के लिए केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है। जम्मू-कश्मीर के नेतृत्व में, पीएमवीवाई में देश भर के अनगिनत कारीगरों के जीवन को बदलने की क्षमता है, जिससे अधिक समावेशी और जीवंत भारत का मार्ग प्रशस्त होगा।

परीक्षा से सम्बंधित महत्वपूर्ण प्रश्न

1. पीएमवीवाई का क्या अर्थ है?
a) प्राइम मिनिस्टर्स विजनरी मिशन
b) पद्म विभूषण योजना
c) पीएम विश्वकर्मा योजना
d) प्रोजेक्ट फॉर माइक्रोबियल वैक्सीनेशन

2. कौन सा केंद्र शासित प्रदेश पीएम विश्वकर्मा योजना को लागू करने वाला पहला केंद्र शासित प्रदेश बन गया?

a) लद्दाख
b) जम्मू और कश्मीर
c) पुडुचेरी
d) चंडीगढ़

3. जम्मू और कश्मीर में पीएमवीवाई की आधिकारिक शुरुआत कब हुई?
a) 1 जनवरी 2024
b) 2 जनवरी 2023
c) 2 जनवरी, 2024
d) 31 दिसंबर, 2023

4. जम्मू-कश्मीर में पीएमवीवाई के तहत प्रशिक्षुओं के पहले बैच के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन किसने किया?
a) प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी
b) उपराज्यपाल के सलाहकार, राजीव राय भटनागर
c) केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह
d) जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री

5. पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत जम्मू-कश्मीर में प्रशिक्षुओं के शुरुआती बैच किस शिल्प पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं?
a) मिट्टी के बर्तन
b) बढ़ईगीरी
c) दार्जी शिल्प
d) धातु मूर्तिकला

6. पीएमवीवाई प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षुओं को क्या वित्तीय सहायता प्रदान करता है?
a) ₹100 प्रति दिन वजीफा
b) ₹500 प्रति दिन वजीफा
c) निःशुल्क आधुनिक टूलकिट
d) b और c दोनों

7. प्रोफेसर वेद प्रकाश नंदा को 2018 में कौन सा पुरस्कार मिला?
a) भारत रत्न
b) पद्म श्री
c) पद्म भूषण
d) साहित्य अकादमी पुरस्कार

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