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अब परशुरामपुरी के नाम से जाना जाएगा जलालाबाद, केंद्र से मिली मंजूरी

संस्कृति और धार्मिक भावना को ध्यान में रखते हुए, गृह मंत्रालय ने उत्तर प्रदेश के शाहजहाँपुर ज़िले के जलालाबाद नगर का नाम बदलकर आधिकारिक रूप से “परशुरामपुरी” कर दिया है। इस घोषणा को 20 अगस्त 2025 को क्षेत्र से ही आने वाले केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद ने सार्वजनिक किया। लंबे समय से स्थानीय निवासियों, राजनीतिक तथा धार्मिक नेताओं की यह मांग थी कि नगर का नाम उस स्थान की पौराणिक पहचान को दर्शाए, जिसे भगवान परशुराम की जन्मभूमि माना जाता है।

क्यों रखा गया परशुरामपुरी नाम?

  • यह नगर कई लोगों की मान्यता के अनुसार भगवान परशुराम की पौराणिक जन्मभूमि है।

  • नाम परिवर्तन का उद्देश्य क्षेत्र की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक पहचान को दर्शाना है, साथ ही उस नाम को बदलना है जिसे “ग़ुलामी का प्रतीक” समझा जाता था।

मंजूरी और अधिसूचना

  • गृह मंत्रालय ने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव को नाम परिवर्तन की औपचारिक मंज़ूरी भेज दी है।

  • शीघ्र ही एक राजपत्र अधिसूचना (गज़ट नोटिफिकेशन) जारी की जाएगी।

  • इसके बाद सभी आधिकारिक अभिलेखों और साइनबोर्ड्स पर नया नाम परशुरामपुरी ही प्रयोग होगा।

सांस्कृतिक पुनर्स्थापन

  • यह नाम परिवर्तन सरकार के उस व्यापक एजेंडे का हिस्सा है, जिसके तहत औपनिवेशिक या विदेशी शासन से जुड़े नामों को हटाकर भारतीय विरासत, धर्म और संस्कृति को दर्शाने वाले नाम दिए जा रहे हैं।

  • हाल के वर्षों में भारत के कई नगरों और शहरों के नाम बदलने के प्रस्ताव और मुहिमें तेज़ हुई हैं, जिन्हें अक्सर जनसमर्थन और राजनीतिक सहयोग भी मिला है।

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