जल शक्ति मंत्रालय के जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग ने ‘वॉटर हीरोज़ः शेयर यूअर स्टोरीज़ कंटेस्ट’ (जल नायकः सफलता की अपनी कहानी साझा करें) प्रतियोगिता का आरंभ किया है। उल्लेखनीय है कि तीसरी प्रतियोगिता को माय-गव पोर्टल पर एक दिसंबर, 2021 को शुरू किया गया था, जिसका समापन 30 नवंबर, 2022 को होगा। इसके पूर्व दूसरी प्रतियोगिता 19 सितंबर, 2020 से शुरू होकर 31 अगस्त, 2021 को समाप्त हो गई थी।
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प्रतियोगिता का लक्ष्य आमतौर पर जल के मूल्य को प्रोत्साहित करना तथा जल संरक्षण और जल स्रोतों के सतत विकास के लिए किए जाने वाले देशव्यापी प्रयासों का समर्थन करना है। प्रतियोगिता का उद्देश्य जल नायकों के अनुभवों को साझा करके और जल सम्बंधी ज्ञान को बढ़ाकर जल संरक्षण के प्रति जागरूकता पैदा करना है। माह अगस्त 2022 के लिये छह विजेता चुने गए हैं। इन्हें 10 हजार रुपए नकद पुरस्कार और प्रमाणपत्र दिया जाएगा।
विजेताओं की सूची
दिव्यांश टंडन: वह “पानी पंचायत” नामक अभियान से जुड़े हैं, जिसके तहत आप सभी विभिन्न गांवों, सड़कों, कस्बों, स्कूलों, मुहल्लों में जाकर लोगों को जागरूक करते हैं। दिव्यांश टंडन (मेरठ छावनी) सारथी सामाजिक कल्याण सोसयटी के उपाध्यक्ष हैं।
विनय विश्वनाथ गावस: विनय विश्वनाथ गावस गोवा के परियोजना निदेशक हैं और केलावाड़े गांव, केरी सत्तारी, गोआ में घरों की छतों पर वर्षाजल संरक्षण तथा बोरवेल के पानी को बहाल करने के बारे में अभियान चलाते हैं। यह परियोजना टीईआरआई के सहयोग से तैयार की गई बताई जाती है।
अमित: अमित मलकपुरा, जालौन, उत्तरप्रदेश के ग्राम प्रधान हैं तथा दिल्ली में पत्रकार रह चुके हैं। आपने गांव के प्राथमिक विद्यालय में पोषक भोजन उपलब्ध कराने, पौधारोपण, पर्यावरण सुरक्षा और तलछट की सफाई के जरिए जल शोधन जैसी विभिन्न विकास गतिविधियों में हिस्सा लिया है।
बबिता राजपूत घुवारा: बबिता राजपूत घुवारा का सम्बंध छतरपुर, मध्यप्रदेश से है। आप चार छोटे बांधों और दो जल निकासियों के निर्माण कार्य से जुड़ी रहीं तथा आपने बोरी बांधों का निर्माण किया।
अनुराग पटेल: अनुराग पटेल बांदा के जिला मजिस्ट्रेट हैं। उन्होंने जल संरक्षण के उल्लेखनीय प्रयास किए हैं तथा दो महत्त्वपूर्ण अभियान चलाए हैं – ‘जल संचय, जीवन संचय’ और ‘जल कुंभी हटाओ-तालाब बचाओ अभियान।’ अनुराग पटेल 126 तालाबों से जलकुंभियों को हटाने की पहल की। अनुराग पटेल ने मरम्मत करने के उद्देश्य से कुछ मीलों तक की अतिरिक्त खुदाई करके चंद्रावल नदी को दोबारा जीवित करने के प्रयासों में हिस्सा लिया।
स्नेहलता शर्मा: स्नेहलता शर्मा शिवपुरी जिले के बदरवास ब्लॉक के पिपरोधा गांव की हैं। वे पिछले एक वर्ष से जल संरक्षण तथा जल प्रबंधन के क्षेत्र में उल्लेखनीय व प्रशंसनीय कार्य कर रही हैं। पानी और उसके संरक्षण के लिए आसपास के गांवों में जागरूकता पैदा करने के लिये आपने महिलाओं को नेतृत्व सौंपा।