भारतीय मुक्केबाज़ी के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि में जैस्मिन लैम्बोरिया ने 57 किलोग्राम महिला वर्ग में स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने पोलैंड की जूलिया सेरेमेटा को कड़े मुकाबले में 4-1 स्प्लिट डिसीजन से हराकर यह खिताब अपने नाम किया।
यह जीत उनके करियर का पहला विश्व चैम्पियनशिप स्वर्ण है और पेरिस ओलंपिक 2024 में शुरुआती हार के बाद शानदार वापसी का प्रतीक है।
फाइनल मुकाबला: रिंग में जज़्बा और धैर्य
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जैस्मिन शुरुआती दौर में पिछड़ रही थीं, लेकिन दूसरे राउंड में शानदार वापसी की।
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बेहतरीन फुटवर्क, काउंटर अटैक और रिंग कंट्रोल का उपयोग करते हुए उन्होंने मैच पर पकड़ बनाई।
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अंततः 4-1 के निर्णय से उन्होंने जीत दर्ज की।
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यह जीत उनकी मानसिक दृढ़ता और रणनीतिक समझ का प्रमाण है।
जीत का महत्व
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जैस्मिन का पहला विश्व चैम्पियनशिप खिताब।
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57 किलोग्राम वर्ग में भारत की शीर्ष दावेदार के रूप में उनकी स्थिति मजबूत हुई।
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महिलाओं की मुक्केबाज़ी में भारत की बढ़ती शक्ति और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा को दर्शाता है।
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कॉमनवेल्थ खेलों की पदक विजेता जैस्मिन ने भारत की महिला मुक्केबाज़ी की प्रगति को और गति दी है।
भारत का समग्र प्रदर्शन
इस चैम्पियनशिप में भारतीय महिला मुक्केबाज़ों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए तीन पदक जीते:
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स्वर्ण – जैस्मिन लैम्बोरिया (57 किग्रा)
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रजत – नूपुर श्योराण (80+ किग्रा)
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कांस्य – पूजा रानी (मिडलवेट वर्ग)
नूपुर श्योराण का फाइनल
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पोलैंड की अगाता काक्ज़मार्स्का से कड़े मुकाबले में 3-2 स्प्लिट डिसीजन से हारीं।
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शक्तिशाली प्रदर्शन के दम पर उन्होंने भारत को रजत पदक दिलाया।
पूजा रानी का कांस्य
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अनुभवी और ओलंपियन मुक्केबाज़ पूजा रानी ने कांस्य पदक जीतकर भारत की पदक सूची में योगदान दिया।
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उनका प्रदर्शन अनुभव और निरंतरता का परिचायक रहा।
मुख्य तथ्य
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आयोजन स्थल: लिवरपूल, यूनाइटेड किंगडम
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स्वर्ण: जैस्मिन लैम्बोरिया (57 किग्रा) – पोलैंड की जूलिया सेरेमेटा को हराया (4-1 स्प्लिट डिसीजन)
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रजत: नूपुर श्योराण (80+ किग्रा) – पोलैंड की अगाता काक्ज़मार्स्का से हारीं
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कांस्य: पूजा रानी (मिडलवेट वर्ग)
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भारत ने कुल 3 पदक (सभी महिलाओं ने जीते), पुरुष वर्ग में कोई पदक नहीं।


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