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सरकार की मंजूरी के बाद इसरो का शुक्रयान शुक्र ग्रह की यात्रा के लिए तैयार

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने अपने आगामी मिशनों और तकनीकी प्रगति के बारे में कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ की हैं। इसरो के निदेशक निलेश देसाई द्वारा साझा की गई इन योजनाओं में शुक्रयान (Venus मिशन), चंद्रयान 4, मंगल मिशन, गगनयान, भारत का अंतरिक्ष स्टेशन, और उन्नत मौसम एवं संचार प्रणालियाँ शामिल हैं। ये मिशन भारत की अंतरिक्ष अन्वेषण में प्रगति और अंतरग्रहीय अध्ययन की महत्वाकांक्षाओं को दर्शाते हैं।

मुख्य विशेषताएँ

1. शुक्रयान (Venus मिशन)

  • लॉन्च वर्ष: 2028।
  • उद्देश्य:
    • शुक्र ग्रह के वातावरण और सतह का अध्ययन।
    • भारत का पहला शुक्र मिशन।

2. चंद्रयान 4 (Lunar Mission)

  • प्रस्तावित मिशन: चंद्रयान 3 के बाद अगला चरण।
  • सहयोग: भारत और जापान के बीच संयुक्त मिशन।
  • उद्देश्य:
    • चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव (90 डिग्री अक्षांश) पर उतरना।
    • 350 किलोग्राम का रोवर, जो चंद्रयान 3 के रोवर से 12 गुना भारी होगा।
  • लॉन्च वर्ष: 2030 (अभी स्वीकृति लंबित)।

3. मंगल मिशन

  • उद्देश्य:
    • मंगल की कक्षा में सैटेलाइट स्थापित करना।
    • सतह पर उतरने का प्रयास करना।

4. गगनयान (मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम)

  • प्रथम चरण:
    • बिना मानव वाला मिशन अगले दो वर्षों में लॉन्च।
  • दूसरा चरण:
    • इसके बाद मानव को अंतरिक्ष में भेजने की योजना।

5. भारत का अंतरिक्ष स्टेशन

  • सरकार द्वारा स्वीकृत।
  • विशेषताएँ:
    • अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से छोटा।
    • पाँच मॉड्यूल होंगे।
    • पहला मॉड्यूल: 2028 में लॉन्च।
    • पूरी क्षमता: 2035 तक संचालन में।
    • लक्ष्य: 2040 तक चंद्रमा मिशन के लिए ट्रांजिट सुविधा।

6. उन्नत मौसम और संचार प्रणालियाँ

  • योजना:
    • मौसम विज्ञान और समुद्र विज्ञान के लिए उपग्रह तकनीक को उन्नत करना।
    • INSAT-4 सीरीज के तहत नए सेंसर और उपग्रह शामिल करना।

 

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