भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) ने बॉक्सिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (BFI) के प्रशासनिक कार्यों के संचालन के लिए एक पांच-सदस्यीय तदर्थ समिति नियुक्त की है, क्योंकि निर्धारित समय सीमा के भीतर चुनाव नहीं कराए गए। IOA अध्यक्ष पी.टी. उषा द्वारा घोषित इस निर्णय का उद्देश्य फेडरेशन में प्रशासनिक स्थिरता बहाल करना है। इस पैनल की अध्यक्षता मधुकांत पाठक करेंगे, जिनका मुख्य कार्य BFI के चुनाव कराना और इसकी दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों को सुचारू रूप से संचालित करना है। हालाँकि, BFI के अध्यक्ष अजय सिंह ने इस कदम का विरोध करते हुए इसे अवैध और IOA के संविधान का उल्लंघन करार दिया है।
मुख्य बिंदु
IOA द्वारा तदर्थ समिति का गठन
- BFI के चुनाव 2 फरवरी 2025 तक होने थे, लेकिन समय पर नहीं हो सके।
- प्रशासनिक अस्थिरता को देखते हुए IOA ने हस्तक्षेप किया।
- BFI के कार्यों की निगरानी के लिए पांच-सदस्यीय तदर्थ समिति बनाई गई।
- मधुकांत पाठक को अध्यक्ष, राजेश भंडारी को उपाध्यक्ष, और डी.पी. भट्ट, शिवा थापा और वीरेंद्र सिंह ठाकुर को समिति के सदस्य नियुक्त किया गया।
- समिति का मुख्य कार्य निष्पक्ष चुनाव कराना और BFI के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करना है।
BFI का IOA के निर्णय पर विरोध
- BFI अध्यक्ष अजय सिंह ने इस निर्णय को अवैध और असंवैधानिक बताया।
- सिंह का कहना है कि IOA ने BFI से कोई पूर्व परामर्श नहीं किया।
- BFI का दावा है कि IOA के संविधान के अनुच्छेद 21.5 के अनुसार, किसी भी राष्ट्रीय खेल महासंघ (NSF) पर निर्णय लेने से पहले संबंधित अंतरराष्ट्रीय महासंघ से परामर्श आवश्यक है।
- BFI ने पहले ही 2 फरवरी को खेल मंत्रालय को चुनावी मामलों के बारे में सूचित कर दिया था।
- अजय सिंह ने IOA पर राष्ट्रीय खेल संस्थाओं की स्वायत्तता के नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया।
पहलू | विवरण |
क्यों चर्चा में? | IOA ने बॉक्सिंग मामलों के लिए तदर्थ समिति का गठन किया। |
IOA की कार्रवाई का कारण | BFI समय पर चुनाव कराने में विफल रहा, जिससे प्रशासनिक अस्थिरता उत्पन्न हुई। |
तदर्थ समिति का गठन | IOA द्वारा 24 फरवरी 2025 को गठित। |
समिति के अध्यक्ष | मधुकांत पाठक |
अन्य सदस्य | राजेश भंडारी (उपाध्यक्ष), डी.पी. भट्ट, शिवा थापा, वीरेंद्र सिंह ठाकुर |
समिति की जिम्मेदारियां | BFI के चुनाव कराना और दैनिक कार्यों का संचालन करना। |
BFI की प्रतिक्रिया | समिति को अवैध बताया और IOA के संविधान का उल्लंघन करार दिया। |
BFI का मुख्य तर्क | IOA ने BFI या अंतरराष्ट्रीय बॉक्सिंग महासंघ से परामर्श नहीं किया। |
आगे की स्थिति | चुनाव कराए जाएंगे; BFI और IOA के बीच कानूनी या प्रशासनिक विवाद संभव। |