हर साल 8 मार्च को International Women’s Day मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य महिलाओं को सांस्कृतिक, आर्थिक, सामाजिक और राजनैतिक समानता दिलवाने के लिए प्रोत्साहित करना है। इस दिन महिलाओं को सामाज में समानता का अधिकार दिलवाना है, ताकि वे अपने हक के प्रति जागरूक बनें।
समाज में पुरुष और महिलाओं के बीच के भेदभाव को मिटाकर समानता लाने के प्रयास के लिए महिला दिवस मनाया जाता है। महिलाओं और पुरुषों के बीच के शारीरिक भेद के कारण समाज में सालों से उनके रोल तय किए जा चुके हैं और ऐसी उम्मीद की जाती है कि महिलाएं उन नियमों का पालन करेंगी।
महिला दिवस 2024 की थीम
साल 2023 अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की थीम ‘एम्ब्रेस इक्विटी’ (Embrace Equity) रखी गई है। इसका अर्थ है लैंगिक समानता पर ध्यान देना। वहीं महिला दिवस 2022 की थीम ‘जेंडर इक्वालिटी टुडे फॉर ए सस्टेनेबल टुमारो’ था। इस थीम से आशय एक स्थायी कल के लिए आज लैंगिक समानता से है।
कब है अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2024?
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च को मनाया जाता है। हर साल 8 मार्च को महिलाओं को सशक्त बनाने वाले इस दिन को विश्व स्तर पर मनाते हैं। इस दिन को मनाने की शुरुआत 1909 में हुई थी।
महिला दिवस का इतिहास
दरअसल, 1908 में अमेरिका में मजदूर आंदोलन हुआ था। इस मजदूर आंदोलन में करीब 15 हजार महिलाएं शामिल हुई, जो न्यूयाॅर्क की सड़कों पर अपने अधिकारों की मांग करते हुए उतरी। कामकाजी महिलाओं की मांग थी कि उनकी नौकरी के घंटे कम किए जाएं और वेतनमान बढ़ाया जाए। इसके अलावा इस आंदोलन में महिलाओं को मतदान का अधिकार देने की भी मांग की गई। जब सरकार के कानों में कामकाजी महिलाओं की आंदोलन की आवाज पहुंची, तो एक साल बाद 1909 में अमेरिका की सोशलिस्ट पार्टी ने महिला दिवस मनाने का एलान किया।
8 मार्च को क्यों मनाते हैं अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस?
महिला दिवस 8 मार्च को मनाने की एक खास वजह है। अमेरिका में कामकाजी महिलाओं ने 8 मार्च को अपने अधिकारों को लेकर आंदोलन करते हुए मार्च निकाला था। जिसके बाद सोशलिस्ट पार्टी ने इस दिन महिला दिवस मनाने का एलान किया। बाद में 1917 में पहले विश्व युद्ध के दौरान रूस की महिलाओं ने ब्रेड और पीस के लिए हड़ताल किया। बाद में सम्राट निकोलस ने अपना पद त्याग दिया और महिलाओं को मतदान का अधिकार मिला। ये देख यूरोप की महिलाओं ने भी कुछ दिन बाद 8 मार्च को पीस ऐक्टिविस्ट्स का समर्थन करते हुए रैलियां निकाली। इस कारण 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने की शुरुआत हो गई। बाद में 1975 में संयुक्त राष्ट्र ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को मान्यता दे दी।