हर साल 30 सितंबर को पूरी दुनिया में अंतरराष्ट्रीय अनुवाद दिवस (International Translation Day) मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य अनुवादकों, दुभाषियों और भाषा विशेषज्ञों के अमूल्य योगदान को सम्मानित करना है। ये संचार के अनदेखे नायक भाषाई खाई को पाटते हैं, अंतर-सांस्कृतिक संवाद को प्रोत्साहित करते हैं और वैश्विक सहयोग को सशक्त बनाते हैं। वर्ष 2025 के उत्सव ने इस तथ्य पर विशेष जोर दिया कि अनुवाद मानव विविधता की समृद्धि को उजागर करने का एक माध्यम है।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
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FIT की भूमिका: अंतरराष्ट्रीय अनुवाद दिवस की स्थापना 1991 में इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ ट्रांसलेटर्स (FIT) द्वारा की गई थी। FIT, जिसकी स्थापना 1953 में हुई थी, अनुवाद, दुभाषिकी और शब्दावली में उत्कृष्टता और सहयोग को बढ़ावा देने वाला एक वैश्विक संगठन है।
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30 सितंबर क्यों?: यह तिथि सेंट जेरोम के पर्व दिवस पर आधारित है, जिन्हें अनुवादकों का संरक्षक संत माना जाता है।
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सेंट जेरोम (लगभग 347–420 ईस्वी) एक ईसाई विद्वान थे, जो बाइबिल के अधिकांश भाग का लैटिन भाषा (वुल्गेट) में अनुवाद करने के लिए प्रसिद्ध हैं।
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वे लैटिन, ग्रीक और हिब्रू भाषाओं में निपुण थे और भाषाओं व ज्ञान-साझा करने के प्रति गहरा जुनून रखते थे।
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उनके अनुवाद कार्यों ने धार्मिक और विद्वतापूर्ण ग्रंथों में भाषाई पहुंच की नींव रखी।
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दिन का महत्व
आज की वैश्विक दुनिया में अनुवादकों का योगदान और भी महत्वपूर्ण हो गया है। उनका कार्य:
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बहुभाषावाद को प्रोत्साहन: अनुवाद के माध्यम से वे कूटनीति, व्यापार और वैश्विक संवाद में समावेशिता सुनिश्चित करते हैं।
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अंतरराष्ट्रीय सहयोग को सुगम बनाना: संधियों, समझौतों और वैश्विक संचार का प्रारूप तैयार करने में अनुवादकों की प्रमुख भूमिका होती है।
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ज्ञान का विस्तार: वैज्ञानिक शोध, साहित्य और तकनीकी सामग्री को सार्वभौमिक रूप से सुलभ बनाने का माध्यम अनुवाद है।
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सांस्कृतिक समझ को मजबूत करना: समाजों को वैश्विक विविधता की सराहना करने और सांस्कृतिक गलतफहमियों को कम करने में मदद करता है।
संयुक्त राष्ट्र में अनुवादकों की भूमिका
संयुक्त राष्ट्र (UN) अनुवादकों और दुभाषियों का सबसे बड़ा नियोक्ता है। उनकी भूमिका UN की छह आधिकारिक भाषाओं में जानकारी उपलब्ध कराने में अत्यंत महत्वपूर्ण है:
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अरबी
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चीनी
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अंग्रेज़ी
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फ़्रेंच
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रूसी
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स्पेनिश
सदस्य देशों के भाषणों से लेकर तकनीकी रिपोर्टों तक, अनुवादक सटीकता और सुलभता सुनिश्चित करते हैं, जिससे UN की पारदर्शिता और समावेशिता के प्रति प्रतिबद्धता मजबूत होती है।


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