लगभग 375 वर्षों के बाद, भूवैज्ञानिकों ने एक ऐसे महाद्वीप की खोज की है जो अब तक दुनिया से छिपा हुआ था। अब, दुनिया में सात नहीं, बल्कि आठ महाद्वीप है। दरअसल, आठवें महद्वीप के बारे में वैज्ञानिकों ने अब पता लगाया है। इस महाद्वीप का नाम जीलैंडिया है जो लगभग 94 फीसदी समुद्र के नीचे है। जबकि 6 फीसदी हिस्सा पानी के बाहर है, जिसमें न्यूजीलैंड और छोटे द्वीप मौजूद हैं।
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, वैज्ञानिकों ने जीलैंडिया महाद्वीप का नया मैप जारी किया है। इसे नए महाद्वीप के बारे में पता लगाने वाले वैज्ञानिकों का कहना है कि यह महाद्वीप गोंडवाना नामक एक सुपर कॉन्टिनेंट का हिस्सा था। जीलैंडिया करीब 10.5 करोड़ साल पहले गोंडवाना से अलग हुआ था। एशिया, अफ्रीका, यूरोप, उत्तर और दक्षिण अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और अंटार्कटिका के बाद इस नई खोज ने लोगों को आश्चर्यचकित कर दिया है।
वैज्ञानिकों ने जारी किया नया मैप
रिपोर्ट के अनुसार, जीलैंडिया 1.89 मिलियन वर्ग मील (4.9 मिलियन वर्ग किमी) का एक विशाल महाद्वीप है, यह मेडागास्कर से लगभग छह गुना बड़ा है। बता दें कि इसकी खोज साल 2017 में ही की गयी थी लेकिन इस बार वैज्ञानिकों ने इसका नया मैप जारी किया है। दरअसल, साल 2017 में भूवैज्ञानिकों का एक ग्रुप तब चर्चा में आ गया जब उन्होंने आठवें महाद्वीप की घोषणा की थी।
कई खुलासे होने की उम्मीद
न्यूज़ीलैंड क्राउन रिसर्च इंस्टीट्यूट जीएनएस साइंस के भूविज्ञानी एंडी टुलोच (जो ज़ीलैंडिया की खोज करने वाली टीम का हिस्सा थे) कहते हैं कि यह इस बात का उदाहरण है कि किसी बहुत ही स्पष्ट चीज़ को उजागर करने में कितना समय लग सकता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि जीलैंडिया का अध्ययन करना हमेशा से कठिन रहा है। वैज्ञानिक अब समुद्र तल से लाए गए चट्टानों के नमूनों का अध्ययन कर रहे हैं। जिससे और कई खुलासे होने की उम्मीद है। बता दें कि इस महाद्वीप की खोज सबसे पहले साल 1642 में डच नाविक एबेल तस्मान ने किया था। हालांकि वह इस महाद्वीप तक पहुंच नहीं पाए थे।