अंतर-संसदीय संघ (आईपीयू) की स्थापना तिथि के उपलक्ष्य में हर साल 30 जून को अंतर्राष्ट्रीय संसदीय दिवस (International Day of Parliamentarism) के रूप में मनाया जाता है। यह उत्सव नागरिकों के लोकतांत्रिक अधिकारों को सुरक्षित रखने में संसद के महत्व पर प्रकाश डालता है। 1889 में पेरिस में स्थापित आईपीयू, अपने सदस्यों के बीच लोकतांत्रिक शासन, जवाबदेही और सहयोग को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय संसदों का एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है।
अंतर्राष्ट्रीय संसदीय दिवस उस प्रगति की समीक्षा करने का समय है, जो संसदों ने कुछ प्रमुख लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए अधिक प्रतिनिधि बनने और समय के साथ आगे बढ़ने के लिए किया है, जिसमें आत्म-मूल्यांकन करना, अधिक महिलाओं और युवा सांसदों को शामिल करने के लिए काम करना और नयी तकनीकों का अनुकूलन करना शामिल है। संसद यह भी सुनिश्चित करने का काम करती है कि जो भी नीतियां संसद या सरकार द्वारा बनाई जाती हैं उससे सभी देशवासियों को लाभ मिलें विशेषकर समाज के वंचित वर्ग के लोगों को वो सभी सरकारी योजनाओं का लाभ मिलें जो उनके नाम पर बनाई जाती हैं।
अंतर्राष्ट्रीय संसदीय दिवस: इतिहास
अंतर्राष्ट्रीय संसदीय दिवस प्रतिवर्ष 30 जून को मनाया जाता है, जिस तारीख को 1889 में आईपीयू की स्थापना की गई थी। इस दिवस की स्थापना 2018 में संयुक्त राष्ट्र महासभा प्रस्ताव के माध्यम से की गई थी। अंतर-संसदीय संघ का उद्देश्य पुरी दुनिया में शांति एवं सहयोग के साथ संसदीय संवाद को कायम करते हुए लोकतंत्र को मजबूत बनाना है।