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अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा दिवस 2024: इतिहास, महत्व और थीम

अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा दिवस 2024: इतिहास, महत्व और थीम |_3.1

शिक्षा के महत्व को समझाने के लिए हर साल 24 जनवरी को अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाया जाता है। हमारे जीवन में शिक्षा का मोल अतुलनीय है। इसका मकसद वैश्विक शांति और सतत विकास में शिक्षा के योगदान को याद करना और इस दिशा में और प्रयास के लिए जागरूक करना है।

 

इस साल की थीम

हर वर्ष अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा दिवस को एक थीम पर मनाया जाता है। इस वर्ष ‘स्थायी शांति के लिए सीखना’ की थीम पर अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया जा रहा है। बता दें कि पिछले साल “लोगों में निवेश करें और शिक्षा को प्राथमिकता दें” की थीम पर यह मनाया गया था।

 

भारत में शिक्षा को लेकर क्या हैं कानूनी प्रावधान

यूनेस्को की ओर से जारी किए गए ताजा आंकड़ों के अनुसार, साल 2021 के बाद से स्कूल न जाने वाले बच्चों की वैश्विक संख्या में 6 मिलियन का इजाफा हुआ है। भारत में शिक्षा को लेकर कई कानूनी प्रावधान बनाए गए हैं। इनमें से ज्यादातर संविधान में वर्णित हैं। संविधान के अनुच्छेद 45 के अनुसार सार्वभौमिक, निशुल्क और अनिवार्य शिक्षा का प्रावधान केंद्र और राज्य की संयुक्त जिम्मेदारी है। वहीं, अनुच्छेद 30 शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना से संबंधित है। अनुच्छेद 15, 17 और 46 में भारतीय समुदाय के कमजोर वर्गों के शैक्षिक हितों की रक्षा करने का प्रावधान है। साथ ही अनुच्छेद 239 केंद्र शासित प्रदेशों में शिक्षा का प्रावधान करता है।

 

क्यों मनाया जाता है अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा दिवस

बता दें कि 3 दिसंबर 2018 को संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) द्वारा पारित एक प्रस्ताव द्वारा 24 जनवरी को अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में घोषित किया गया था। इसके बाद 24 जनवरी 2019 को पहला अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया गया और फिर हर वर्ष इसे इंटरनेशनल एजुकेशन डे के रूप में मनाया जानें लगा। इस साल अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा दिवस छठवीं बार मनाय जा रहा है। हर बच्चे तक फ्री और बुनियादी एजुकेशन पहुंच सके, इस मकसद के साथ हर साल यह अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया जाता है।

 

 

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