नदियों के लिए अंतर्राष्ट्रीय कार्रवाई दिवस 2025: क्या है इतिहास

हर साल 14 मार्च को विश्वभर में नदियों के संरक्षण के लिए अंतर्राष्ट्रीय कार्रवाई दिवस मनाया जाता है, जो नदियों पर बढ़ते खतरों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए समर्पित एक महत्वपूर्ण अवसर है। यह दिन नदी क्षरण, जलवायु परिवर्तन और मानव गतिविधियों जैसे बांध निर्माण और प्रदूषण के प्रभावों को उजागर करता है।

दुनिया की 60% से अधिक नदियां विभिन्न अवरोधों जैसे बांधों और कृत्रिम मोड़ों से प्रभावित हैं, जिससे पारिस्थितिकी तंत्र और जल संसाधन संकट में हैं। इस दिन का उद्देश्य नदियों की रक्षा और पुनर्स्थापन के लिए सामूहिक कार्रवाई को बढ़ावा देना है।

अंतर्राष्ट्रीय कार्रवाई दिवस की शुरुआत

इस वैश्विक आंदोलन की अवधारणा मार्च 1997 में ब्राज़ील के कुरीतीबा में आयोजित एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में हुई थी। यह सम्मेलन बांध निर्माण से प्रभावित समुदायों के प्रतिनिधियों को एक मंच देने के लिए आयोजित किया गया था, जिसमें 20 देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

बांधों के खिलाफ घोषणा और जल संरक्षण की मांग

सम्मेलन के दौरान, प्रतिभागियों ने पारदर्शिता और लोकतांत्रिक भागीदारी की मांग करते हुए एक ऐतिहासिक घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर किए। इसके प्रतीकात्मक समर्थन के रूप में 14 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय कार्रवाई दिवस के रूप में स्थापित किया गया। पहले इसे “बांधों के खिलाफ, नदियों, जल और जीवन के लिए अंतर्राष्ट्रीय कार्रवाई दिवस” कहा जाता था, लेकिन बाद में इसे छोटा करके वर्तमान नाम दिया गया।

2024 में अंतर्राष्ट्रीय कार्रवाई दिवस का वैश्विक आयोजन

इस वर्ष इस दिवस की 28वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है, जिसे इंटरनेशनल रिवर्स नामक संगठन वैश्विक स्तर पर समन्वित कर रहा है।

2024 की थीम: “हमारी नदियां, हमारा भविष्य”

इस वर्ष की थीम “हमारी नदियां, हमारा भविष्य” नदियों के पारिस्थितिक संतुलन और मानव जीवन में उनके महत्व को दर्शाती है। मुख्य ध्यान निम्नलिखित पहलुओं पर दिया गया है:

  • नदियों को पुनर्स्थापित करना और जैव विविधता को बढ़ावा देना।
  • स्थानीय समुदायों को नदी प्रबंधन और संरक्षण में शामिल करना।
  • जल स्रोतों के क्षरण को रोकने के लिए सतत नीतियों की वकालत करना।

14 मार्च को दुनिया भर में प्रमुख पहलें

इस दिवस पर विभिन्न देशों में नदियों के संरक्षण के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं:

  • ऑस्ट्रिया: ओएट्ज नदी पर काउनर्टल हाइड्रोपावर प्लांट के विस्तार के विरोध में एक मौन प्रदर्शन।
  • फ्रांस: नीस के पैलियन नदी पर जल प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन के खतरों को उजागर करने के लिए एक नाट्य प्रदर्शन।
  • इटली: टाइबर नदी पर प्लास्टिक कचरे और जल जीवों की निगरानी के लिए सिटिजन साइंस प्रोजेक्ट।
  • बुल्गारिया: जन्त्रा नदी की सफाई के लिए स्थानीय शैक्षणिक समुदाय द्वारा एक अभियान।
  • पाकिस्तान: सिंधु नदी को अवैध नहर और बांध निर्माण परियोजनाओं से बचाने के लिए प्रदर्शन।
  • कंबोडिया: मेकॉन्ग नदी पर बुनियादी ढांचे की हानिकारक परियोजनाओं के खिलाफ जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रार्थना और सांस्कृतिक समारोह।

ये कार्यक्रम नदियों की रक्षा के प्रति वैश्विक प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं और वैज्ञानिकों, पर्यावरणविदों और स्थानीय समुदायों को इस महत्वपूर्ण प्रयास में एकजुट करते हैं।

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vikash

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