केंद्रीय संचार और उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास (एमडीओएनईआर) मंत्री श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने आईटीयू-डब्ल्यूटीएसए24 और आईएमसी 24 से इतर अंतर्राष्ट्रीय 6जी संगोष्ठी का उद्घाटन किया। उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए, केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने 6जी की परिवर्तनकारी क्षमता पर प्रकाश डाला, आर्थिक विकास एवं तकनीकी नवाचार को आगे बढ़ाने में इसकी भूमिका पर बल दिया। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे 6जी मानक विकसित हो रहे हैं, सॉफ्टवेयर-केंद्रित प्रौद्योगिकी की ओर शिफ्ट होने से हमारे इंजीनियरिंग और सॉफ्टवेयर प्रतिभा की बड़ी संख्या के साथ भारत को महत्वपूर्ण अवसर प्राप्त हो रहे हैं। सिंधिया ने यह भी कहा कि, “भारत 6जी एलायंस 6जी के लिए मानक निर्माण प्रक्रिया में रचनात्मक भूमिका निभाएगा और 6जी पेटेंट का 10 प्रतिशत भारत से आएगा।
भारत 6G एलायंस की भूमिका
यह संगोष्ठी, जो भारत 6G एलायंस द्वारा आयोजित की गई थी, उद्योग, शैक्षणिक जगत और अनुसंधान संस्थानों के बीच एक सहयोगात्मक प्रयास को उजागर करती है ताकि भारत को 6G तकनीक में एक वैश्विक नेता के रूप में स्थापित किया जा सके। यह एलायंस ITU और 3GPP जैसे संगठनों के माध्यम से वैश्विक मानकों को प्रभावित करने का लक्ष्य रखता है। सिंधिया ने समावेशी और किफायती प्रौद्योगिकी की वकालत करते हुए भारत की “वैश्विक दक्षिण की आवाज” बनने की प्रतिबद्धता को दोहराया।
मुख्य चर्चा और भविष्य की संभावनाएं
इस कार्यक्रम के दौरान, वैश्विक दूरसंचार परिदृश्य में भारत की रणनीतिक स्थिति के बारे में महत्वपूर्ण चर्चाएं हुईं। प्रमुख वक्ताओं, जैसे कि श्री एन. जी. सुब्रमणियम और डॉ. नीरज मित्तल ने मजबूत 6G बुनियादी ढांचे के विकास और सार्वजनिक-निजी साझेदारी को बढ़ावा देने के महत्व पर जोर दिया। भारत 6G एलायंस ने स्पेक्ट्रम प्रबंधन और स्थायी प्रथाओं सहित 6G विकास के विभिन्न पहलुओं पर सहयोग करने के लिए कई अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के साथ समझौता ज्ञापन (MoU) पर भी हस्ताक्षर किए।


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