Home   »   जानिए स्टैच्यू ऑफ यूनिटी से जुड़े...

जानिए स्टैच्यू ऑफ यूनिटी से जुड़े कुछ रोचक तथ्यों के बारे में

जानिए स्टैच्यू ऑफ यूनिटी से जुड़े कुछ रोचक तथ्यों के बारे में |_3.1

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती ( Sardar Vallabhbhai Patel) पर 31 अक्टूबर 2023 को गुजरात में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी (Statue Of Unity) पर उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की। इस अवसर पर उन्‍होंने कहा कि राष्ट्रीय एकता के लिए लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिबद्धता आज भी सभी का मार्गदर्शन करती है और स्टैच्यू ऑफ यूनिटी एक भारत, श्रेष्ठ भारत का प्रतीक है।

स्टैच्यू ऑफ यूनिटी आज भारत में एक बेहतरीन पर्यटन स्थल बन चुका है। भारत से ही नहीं, बल्कि विदेशों से भी लोग इसे देखने के लिए गुजरात में आते हैं। ये स्‍टैच्‍यू विंध्याचल और सतपुड़ा पर्वतमाला के बीच स्थित है, जो गुजरात में प्रसिद्ध सरदार सरोवर बांध से लगभग 3.5 किमी नीचे की ओर, नर्मदा नदी में साधु-बेट द्वीप पर है। साल 2018 में इस पर्यटन स्‍थल को देखने के लिए 4.53 लाख पर्यटक गुजरात पहुंचे थे। वहीं साल 2019 मे 27.45 लाख, साल 2020 में 12.81 लाख, साल 2021 में 34.29 लाख, साल 2022 में 41.32 लाख और साल 2023 में 31.92 लाख पर्यटक इसे देखने के लिए पहुंचे।

 

5 साल पूरे

प्रधानमंत्री बनने से पहले नरेंद्र मोदी ने भारत के लौह पुरुष सरदार पटेल की सबसे बड़ी प्रतिमा बनाने का सपना देखा था। गुजरात के सीएम रहते हुए साल 2013 में उन्‍होंने इसका शिलान्‍यास किया था और प्रधानमंत्री बनने के बाद साल 2018 में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का उद्घाटन किया था। स्टैच्यू ऑफ यूनिटी दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है, जिसकी ऊंचाई 182 मीटर है। तकरीबन 2989 करोड़ से तैयार हुए पीएम मोदी के इस ड्रीम प्रोजेक्‍ट को आज 5 साल हो पूरे चुके हैं।

 

‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ के कुछ रोचक तथ्य

  • 182 मीटर ऊंची ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है, इसके बाद चीन की स्प्रिंग टेंपल बुद्धा (153 मीटर), जापान की Ushiku Daibutsu (120 मीटर) और अमेरिका की स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी (93 मीटर) का नंबर है।
  • गुजरात के नर्मदा जिला के केवड़िया में ये मूर्ति स्थापित की गई है। पूरे प्रोजेक्ट पर कुल 2989 करोड़ का खर्च आया है।
  • लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की इस प्रतिमा के लिए ‘लोहा दान’ कैंपेन चलाया गया था। देश के कई कोने-कोने से आम लोगों से लोहा दान में मांगा गया था। जिसे पिघला कर प्रतिमा को बनाने में इस्तेमाल किया गया।
  • ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ को बनाने में 5,700 मीट्रिक टन यानी करीब 57 लाख किलोग्राम स्ट्रक्चरल स्टील का इस्तेमाल हुआ। साथ ही 18,500 मीट्रिक टन छड़ भी इसमें लगा है।
  • ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ के पास दर्शकों के लिए 153 मीटर लंबी गैलरी बनाई गई है, जिसमें एक साथ 200 विजिटर आ सकते हैं।
  • ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ को ऐसे डिजाइन किया गया है कि भूकंप का झटका या 60 मीटर/सेकेंड जितनी हवा की रफ्तार भी इस प्रतिमा को नुकसान नहीं पहुंचा सकती।
  • स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के ऊपरी हिस्से में 306 मीटर पैदल पथ को पूरी तरह से मार्बल से तैयार किया गया है।

 

Find More General Studies News Here

Largest Public Sector Bank in India_220.1

FAQs

सरदार पटेल को लौह पुरुष क्यों कहा जाता है?

सरदार वल्लभ भाई पटेल को भारत का लौह पुरुष कहा जाता है। इसका कारण यह है कि नव स्वतंत्र देश में राष्ट्रीय एकीकरण के प्रति उनकी प्रतिबद्धता संपूर्ण और समझौताहीन थी , जिसके कारण उन्हें 'भारत का लौह पुरुष' की उपाधि मिली।