आईएनएस गोमती (INS Gomati) को कैप्टन सुदीप मलिक की कमान में नेवल डॉकयार्ड में सेवामुक्त किया गया। आईएनएस गोमती का नाम जीवंत नदी गोमती से लिया गया है और 16 अप्रैल 1988 को तत्कालीन रक्षा मंत्री केसी पंत द्वारा मझगांव डॉक लिमिटेड, बॉम्बे में कमीशन किया गया था। गोदावरी क्लास गाइडेड-मिसाइल फ्रिगेट्स का तीसरा जहाज, आईएनएस गोमती भी पश्चिमी बेड़े का सबसे पुराना योद्धा था, जब उसे सेवामुक्त किया गया था।
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सेवा के दौरान:
आईएनएस गोमती ने कैक्टस, पराक्रम और इंद्रधनुष सहित कई अभियानों में भाग लिया और कई द्विपक्षीय और बहुराष्ट्रीय नौसैनिक अभ्यास किए। आईएमएस गोमती को राष्ट्रीय समुद्री सुरक्षा में उल्लेखनीय भावना और शानदार योगदान के लिए 2007-08 में और फिर 2019-20 में दो बार प्रतिष्ठित यूनिट प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया था।
आईएनएस गोमती के सेवामुक्त होने के बाद:
लखनऊ में गोमती नदी के सुरम्य तट पर स्थापित किए जा रहे एक ओपन-एयर संग्रहालय में जहाज की विरासत को जीवित रखा जाएगा, जहां उसकी कई युद्ध प्रणालियों को सैन्य और युद्ध अवशेषों के रूप में प्रदर्शित किया जाएगा।
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