Home   »   अप्रैल में गिरी देश की औद्योगिक...

अप्रैल में गिरी देश की औद्योगिक उत्पादन वृद्धि दर, घटकर 2.7 प्रतिशत पर पहुंची

भारत की औद्योगिक गतिविधियों में अप्रैल 2025 में गिरावट दर्ज की गई, जो कि बीते आठ महीनों का सबसे कमजोर स्तर है। सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) में अप्रैल में केवल 2.7% की वृद्धि हुई, जबकि मार्च 2025 में यह दर 5.8% थी। इससे पहले, अगस्त 2024 में यह वृद्धि -0.1% रही थी, जो पिछली बार इतनी धीमी रही थी।

मुख्य वजह: खनन और बिजली क्षेत्र की सुस्ती

औद्योगिक उत्पादन में गिरावट की मुख्य वजह खनन और बिजली क्षेत्रों का कमजोर प्रदर्शन रहा।

  • खनन और उत्खनन क्षेत्र में 0.2% की गिरावट दर्ज की गई, जो अगस्त 2024 के बाद से सबसे खराब प्रदर्शन है। यह संकेत देता है कि बुनियादी ढांचे और ऊर्जा आपूर्ति श्रृंखलाओं के लिए आवश्यक कच्चे माल की निकासी में कमजोरी बनी हुई है।

  • बिजली उत्पादन में केवल 1.1% की वृद्धि हुई, जो आठ महीनों में सबसे धीमी रही। यह कम ऊर्जा खपत का संकेत है, जिससे मांग में सुस्ती का पता चलता है।

निर्माण क्षेत्र से थोड़ी राहत

खनन और बिजली के विपरीत, निर्माण क्षेत्र (मैन्युफैक्चरिंग) ने कुछ सकारात्मक संकेत दिए।

  • अप्रैल 2025 में इस क्षेत्र में 3.4% की वृद्धि हुई, जो पिछले तीन महीनों में सबसे अधिक है।

  • इसमें उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुएं (Consumer Durables) और पूंजीगत वस्तुओं (Capital Goods) के बेहतर प्रदर्शन का योगदान रहा, हालांकि कुल मिलाकर गति कमजोर रही।

प्राथमिक वस्तुएं और आवश्यक उपभोक्ता वस्तुओं में कमजोरी

  • प्राथमिक वस्तुओं (जैसे कच्चा माल) में 0.4% की गिरावट आई, जो आठ महीनों में सबसे कमजोर है। इससे सप्लाई चेन में रुकावट या मांग की कमी का संकेत मिलता है।

  • उपभोक्ता गैर-टिकाऊ वस्तुओं (जैसे दैनिक उपयोग की वस्तुएं) में 1.7% की गिरावट दर्ज की गई। यह लगातार तीसरा महीना है जब इस श्रेणी में गिरावट देखी गई है। इसका कारण ग्रामीण और निम्न-आय वर्ग की धीमी मांग, महंगाई और फसल के बाद बाजार में ठहराव हो सकता है।

पूंजीगत वस्तुओं में 20.3% की जबरदस्त वृद्धि

  • Capital Goods श्रेणी ने अप्रैल 2025 में 20.3% की वृद्धि दर्ज की।

  • यह उछाल पिछले साल अप्रैल 2024 की कम आधार दर (2.81%) के कारण भी है, लेकिन यह निवेश गतिविधियों के पुनर्जीवन का संकेत भी देता है।

  • विशेषकर बिजली और गैर-बिजली मशीनरी में मांग से यह बढ़त देखने को मिली है।

उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुएं – रबी फसल और शादी के सीजन से उछाल

  • इस श्रेणी में 6.4% की वृद्धि हुई, जो तीन महीनों का उच्चतम स्तर है।

  • इसकी मुख्य वजहें थीं:

    • रबी फसल की अच्छी पैदावार, जिससे ग्रामीण आय में बढ़ोतरी हुई

    • शादी का मौसम, जिसमें परंपरागत रूप से खर्च ज्यादा होता है

    • ऑटोमोबाइल सेक्टर की शानदार 15.4% की वृद्धि

आगे की राह: निवेश और नीति समर्थन जरूरी

पूंजीगत वस्तुओं और निर्माण क्षेत्र में कुछ सकारात्मक संकेतों के बावजूद, खनन, बिजली और उपभोक्ता आवश्यक वस्तुओं में व्यापक सुस्ती चिंता का विषय है।

  • इस रफ्तार को बनाए रखने के लिए नीतिगत समर्थन और निजी निवेश जरूरी है।

  • खासकर ग्रामीण और उपभोक्ता आधारित क्षेत्रों में स्थिर मांग की वापसी और बुनियादी ढांचा खर्च को बनाए रखना आवश्यक होगा ताकि दीर्घकालिक विकास जारी रह सके।

अप्रैल में गिरी देश की औद्योगिक उत्पादन वृद्धि दर, घटकर 2.7 प्रतिशत पर पहुंची |_3.1

TOPICS: