प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA) की बैठक में 2025–26 विपणन वर्ष के लिए 14 खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में बढ़ोतरी को मंजूरी दी गई है। यह फैसला 29 मई 2025 को घोषित किया गया और इसके तहत ₹2.07 लाख करोड़ का कुल वित्तीय प्रावधान किया गया है।
उद्देश्य: किसानों की आय दोगुनी करना
कृषि मंत्रालय के अनुसार, यह निर्णय किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य सुनिश्चित करने की सरकार की प्रतिबद्धता का हिस्सा है। यह 2018–19 के केंद्रीय बजट में घोषित उस सिद्धांत के अनुसार है जिसमें कहा गया था कि MSP उत्पादन लागत से कम से कम 1.5 गुना होना चाहिए।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट बैठक के बाद कहा कि यह निर्णय देश के कृषि समुदाय के हित में लिया गया है, जिससे कृषि को अधिक लाभकारी और टिकाऊ बनाया जा सके।
MSP में प्रमुख बढ़ोतरी: सबसे ज्यादा फायदा इन फसलों को
फसल | 2024–25 MSP (₹/क्विंटल) | 2025–26 MSP (₹/क्विंटल) | वृद्धि (₹) |
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नाइगरसीड | ₹8,717 | ₹9,537 | ₹820 |
रागी | ₹4,290 | ₹4,886 | ₹596 |
कपास (मध्यम रेशा) | ₹7,121 | ₹7,710 | ₹589 |
कपास (लंबा रेशा) | ₹7,521 | ₹8,110 | ₹589 |
तिल (सेसमम) | ₹9,267 | ₹9,846 | ₹579 |
इन फसलों में MSP में हुई वृद्धि से देशभर में इनकी खेती करने वाले लाखों किसानों को सीधा लाभ मिलेगा।
लागत के अनुपात में लाभ का प्रतिशत
कुछ प्रमुख फसलों के लिए उत्पादन लागत के मुकाबले अनुमानित लाभ मार्जिन:
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बाजरा: 63%
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मक्का: 59%
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तूर (अरहर): 59%
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उड़द: 53%
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अन्य खरीफ फसलों के लिए लाभ मार्जिन लगभग 50% तय किया गया है।
यह आंकड़े दर्शाते हैं कि सरकार MSP में केवल प्रतीकात्मक बढ़ोतरी नहीं, बल्कि वास्तविक लाभ सुनिश्चित करने की दिशा में कदम उठा रही है।
पोषण व जलवायु के अनुकूल फसलों को प्रोत्साहन
सरकार के ‘श्री अन्न’ अभियान के अंतर्गत पोषणयुक्त व जलवायु-प्रतिरोधी फसलों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से न्यूट्री-सीरियल्स के MSP में विशेष ध्यान दिया गया है। इसका उद्देश्य:
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फसल विविधीकरण को बढ़ावा देना
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मिट्टी की गुणवत्ता सुधारना
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पोषण स्तर में सुधार
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जलवायु के अनुकूल खेती को प्रोत्साहित करना है
कच्चे जूट का MSP भी बढ़ा
कच्चे जूट (Raw Jute) का MSP भी 6% बढ़ाकर ₹5,650 प्रति क्विंटल कर दिया गया है। इससे पश्चिम बंगाल, असम, ओडिशा और बिहार के जूट उत्पादक किसानों को लाभ मिलेगा।
रिकॉर्ड खरीद और MSP भुगतान: पिछली दो सरकारों की तुलना
सरकार ने 2004–2014 और 2014–2025 के आंकड़े जारी किए, जिनसे खरीदी और भुगतान में जबरदस्त वृद्धि सामने आई:
श्रेणी | 2004–2014 | 2014–2025 |
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धान की खरीद (LMT) | 4,590 | 7,608 |
14 खरीफ फसलें (LMT) | 4,679 | 7,871 |
MSP भुगतान – धान (₹ लाख करोड़) | ₹4.44 | ₹14.16 |
MSP भुगतान – 14 फसलें (₹ लाख करोड़) | ₹4.75 | ₹16.35 |
यह आंकड़े दिखाते हैं कि मोदी सरकार में MSP भुगतान और खरीद में 3.5 से 4 गुना तक की वृद्धि हुई है। यह सरकार की कृषि कल्याण और खाद्य सुरक्षा के प्रति मजबूत प्रतिबद्धता को दर्शाता है।