भारत (India) के सबसे स्वच्छ शहर, मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के इंदौर (Indore) ने स्वच्छ सर्वेक्षण (Swachh Survekshan) 2021 के तहत देश के पहले ‘वाटर प्लस (water plus)’ प्रमाणित शहर के रूप में घोषित होने की एक और उपलब्धि हासिल की है। स्वच्छ सर्वेक्षण (Swachh Survekshan) पूरे शहरों और कस्बों में सफाई (sanitation), स्वच्छता (hygiene) और स्वच्छता (cleanliness) का वार्षिक सर्वेक्षण है और भारत के स्वच्छ भारत मिशन (Swachh Bharat Mission) के रूप में लॉन्च किया गया।
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इन मापदंडों पर इंदौर ने ‘वाटर प्लस’ का दर्जा हासिल किया:
- इंदौर (Indore) ने एक सर्वेक्षण किया और नदियों (rivers), नालों (drains) में जाने वाले 7,000 गंदे पानी को रोका।
- इसके अलावा, शहर के 30 प्रतिशत सीवेज पानी (sewage water) को पुनर्नवीनीकरण (recycled) और पुन: उपयोग किया गया था। इस पुनर्नवीनीकरण (recycled) पानी का उपयोग लोग अपने बगीचों और कुछ निर्माण स्थलों में करते थे।
- शहर में सात सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (sewerage treatment plants) बनाए गए हैं और उनमें से लगभग 110 मिलियन लीटर प्रतिदिन (MLD) ट्रीटेड पानी का उपयोग किया जा रहा है।
‘वाटर+’ सिटी सर्टिफिकेट क्या है?
अपने प्रशासन के तहत नदियों और नालों में स्वच्छता बनाए रखने वाले शहर को वाटर प्लस सिटी सर्टिफिकेट (Water Plus city certificate) प्रदान किया जाता है। केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (Union ministry of housing and urban affairs) द्वारा प्रदान किए गए प्रोटोकॉल (protocol) टूलकिट (toolkit) के अनुसार, एक शहर को वाटर प्लस (Water Plus) के रूप में घोषित किया जा सकता है, जब घरों (households), व्यावसायिक प्रतिष्ठानों (commercial establishments) से सभी अपशिष्ट जल को छोड़ दिया जाता है, और उपचारित अपशिष्ट जल को पर्यावरण में छोड़ने से पहले इस तरह के एक संतोषजनक स्तर पर इलाज किया जाता है।
सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण टेकअवे:
- मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री: शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan); राज्यपाल: मंगूभाई छगनभाई पटेल (Mangubhai Chhaganbhai Patel)।