भारत में वस्तु एवं सेवा कर (GST) व्यवस्था, जिसे वर्ष 2017 में लागू किया गया था, ने राजस्व संग्रह के क्षेत्र में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की है। वित्त वर्ष 2024–25 (FY25) में भारत का सकल GST संग्रह ₹22.08 लाख करोड़ तक पहुंच गया — जो अब तक का सर्वाधिक वार्षिक संग्रह है। यह उपलब्धि FY21 के ₹11.37 लाख करोड़ से दोगुनी वृद्धि को दर्शाती है।
क्यों है यह खबर में?
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FY25 में GST संग्रह ने ऐतिहासिक ऊंचाई को छुआ है, जो GST लागू होने के 8 वर्ष पूरे होने के साथ मेल खाता है।
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यह निरंतर मासिक और वार्षिक वृद्धि GST प्रणाली की दक्षता, पारदर्शिता और अनुपालन में सुधार को दर्शाती है।
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GST अब भारत की राजकोषीय मजबूती का एक प्रमुख स्तंभ बन गया है।
GST संग्रह की प्रमुख उपलब्धियां
वर्ष | सकल GST संग्रह (₹ लाख करोड़) |
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FY21 | ₹11.37 |
FY24 | ₹20.18 |
FY25 | ₹22.08 (9.4% YoY वृद्धि) |
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औसत मासिक संग्रह (FY25): ₹1.84 लाख करोड़
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अप्रैल 2025: ₹2.37 लाख करोड़ (अब तक का सबसे अधिक मासिक संग्रह)
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मई 2025: ₹2.01 लाख करोड़
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जून 2025: डेटा शीघ्र जारी किया जाएगा
करदाताओं में वृद्धि
वर्ष | GST-पंजीकृत करदाता |
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2017 | 65 लाख |
2025 | 1.51 करोड़ से अधिक |
GST ने निम्नलिखित को प्रतिस्थापित किया:
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17 केंद्र और राज्य कर
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13 उपकर (cesses)
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एकीकृत कर ढांचा: 0%, 5%, 12%, 18%, और 28% की 5-स्तरीय कर प्रणाली
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परिणाम: कर जाल में विस्तार, सरलीकृत अनुपालन, डिजिटलीकरण और पारदर्शिता में वृद्धि
पृष्ठभूमि और महत्व
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GST लॉन्च: 1 जुलाई 2017
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स्वतंत्र भारत का सबसे बड़ा कर सुधार
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उद्देश्य:
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अप्रत्यक्ष करों को सरल बनाना
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दोहरा कराधान और कर पर कर की समस्या समाप्त करना
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व्यापार करने में आसानी (Ease of Doing Business) बढ़ाना
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वित्त वर्ष 2024–25 में GST का महत्व
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महामारी के बाद आर्थिक सुधार का संकेत
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अर्थव्यवस्था के औपचारिकीकरण (Formalisation) में तेज़ी
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केंद्र और राज्यों की राजस्व स्थिरता को मजबूत करने में योगदान