भारत के पहले स्वदेशी रूप से विकसित फ्लाइंग ट्रेनर, ‘हंसा-एनजी (HANSA-NG)’ ने पुडुचेरी में समुद्र-स्तरीय परीक्षणों को सफलतापूर्वक पूरा किया। हंसा-एनजी को 19 फरवरी को बेंगलुरु से पुडुचेरी के लिए उड़ाया गया था, जिसमें 155 किमी / घंटा की गति से 1.5 घंटे में 140 समुद्री मील की दूरी तय की गई थी। समुद्र के स्तर के परीक्षणों का उद्देश्य हैंडलिंग गुणों, चढ़ाई / क्रूज प्रदर्शन, बाल्ड लैंडिंग, सकारात्मक और नकारात्मक जी सहित संरचनात्मक प्रदर्शन, बिजली संयंत्र और अन्य प्रणालियों के प्रदर्शन का मूल्यांकन करना है।
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प्रमुख बिंदु:
- वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (Council of Scientific and Industrial Research – CSIR) के तत्वावधान में विमान को सीएसआईआर-राष्ट्रीय एयरोस्पेस प्रयोगशालाओं (National Aerospace Laboratories – NAL) द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है।
- हंसा-एनजी सबसे उन्नत उड़ान प्रशिक्षकों में से एक है, जिसे भारतीय फ्लाइंग क्लब की जरूरतों को पूरा करने के लिए डिज़ाइन किया गया है और यह कम लागत और कम ईंधन खपत के कारण वाणिज्यिक पायलट लाइसेंसिंग (सीपीएल) के लिए एक आदर्श विमान है।
- एक प्रशिक्षक विमान विशेष रूप से पायलटों और एयरक्रू के उड़ान प्रशिक्षण की सुविधा के लिए डिज़ाइन किया गया है।