भारत का पहला भूवैज्ञानिक उद्यान (geological park) मध्य प्रदेश के जबलपुर के लम्हेटा में बनेगा। खनन मंत्रालय के तहत भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण द्वारा पार्क के लिए मंजूरी दी गई थी। पांच एकड़ जमीन पर 35 करोड़ रुपये के निवेश से पार्क का निर्माण किया जाएगा। लम्हेटा में बनेगा जियोलॉजिकल पार्क, क्योंकि भूगर्भीय दृष्टि से यह स्थान विश्व के महत्वपूर्ण स्थानों में से एक है।
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1928 में, विलियम हेनरी स्लीमैन (William Henry Sleeman) ने इस क्षेत्र से एक डायनासोर के जीवाश्म की खोज की थी। यूनेस्को ने लम्हेता को भू-विरासत स्थल के रूप में भी मान्यता दी है। लैमेटा फॉर्मेशन को इन्फ्राट्रैपियन बेड (Infratrappean Beds) भी कहा जाता है। यह मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात में पाई जाने वाली तलछटी भूगर्भीय संरचना है। यह डेक्कन ट्रैप से जुड़ा हुआ है। यह मास्ट्रिचियन युग का है और डायनासोर के जीवाश्मों के लिए जाना जाता है।
जियोपार्क क्या है?
जियोपार्क एक एकीकृत क्षेत्र है, जो एक स्थायी तरीके से भूवैज्ञानिक विरासत के संरक्षण और उपयोग को आगे बढ़ाता है। यह वहां रहने वाले लोगों की आर्थिक भलाई को भी बढ़ावा देता है।
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