एक अग्रणी कदम में, कोयला मंत्रालय ने झारखंड में भारत की पहली भूमिगत कोयला गैसीफिकेशन पायलट परियोजना शुरू की है। जामताड़ा जिले के कस्ता कोयला ब्लॉक में स्थित इस नवाचारपूर्ण प्रयास का नेतृत्व ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य कोयला उद्योग को परिवर्तित करना है। कोयले को निकालने के बजाय, यह प्रक्रिया भूमिगत रूप से होगी, जिसमें कोयले को मूल्यवान गैसों जैसे मीथेन, हाइड्रोजन, और कार्बन मोनोऑक्साइड में परिवर्तित किया जाएगा। इन गैसों का उपयोग सिंथेटिक प्राकृतिक गैस, रासायनिक फीडस्टॉक्स, और अन्य उत्पादों के उत्पादन में किया जा सकता है, जिससे भारत के ऊर्जा क्षेत्र में क्रांति लाने की संभावना है।
परियोजना के मुख्य विवरण
यह पायलट परियोजना, 22 जून 2024 को शुरू की गई, दो वर्षों में दो चरणों में लागू की जा रही है। इसे कोल इंडिया लिमिटेड रिसर्च एंड डेवलपमेंट बोर्ड द्वारा वित्तपोषित किया गया है और इसे केंद्रीय खनन योजना और डिजाइन संस्थान (CMPDI) रांची और कनाडाई कंपनी एर्गो एक्सर्जी टेक्नोलॉजीज इंक के सहयोग से क्रियान्वित किया जा रहा है।
उद्देश्य और प्रभाव
इस परियोजना का उद्देश्य कस्ता कोयला ब्लॉक में भूमिगत कोयला गैसीफिकेशन की आर्थिक व्यवहार्यता को प्रदर्शित करना है। यदि यह सफल होता है, तो यह भारत को इस क्षेत्र में एक अग्रणी देश के रूप में स्थापित कर सकता है और देश के कोयला संसाधनों के स्थायी और कुशल उपयोग के लिए मार्ग प्रशस्त कर सकता है।
ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के बारे में
- पूर्वी कोलफील्ड्स लिमिटेड, कोल इंडिया लिमिटेड की एक सहायक कंपनी, मुख्य रूप से पश्चिम बंगाल और झारखंड में संचालित होती है।
- इसे ब्रिटिश शासन के दौरान 1774 में स्थापित किया गया था, और तब से यह भारत के कोयला खनन क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
- कंपनी का मुख्यालय पश्चिम बंगाल के पश्चिम बर्धमान जिले के सैंक्टोरिया में स्थित है, और इसकी अध्यक्ष-प्रबंध निदेशक समिरान दत्ता के नेतृत्व में कार्यरत है।