GoodEnough एनर्जी ने घोषणा की है कि वह अक्टूबर 2023 तक जम्मू और कश्मीर के उत्तरी क्षेत्र में भारत की पहली बैटरी ऊर्जा भंडारण गीगाफैक्ट्री में परिचालन शुरू करेगी।
GoodEnough एनर्जी ने घोषणा की है कि वह अक्टूबर 2023 तक जम्मू और कश्मीर के उत्तरी क्षेत्र में भारत की पहली बैटरी ऊर्जा भंडारण गीगाफैक्ट्री में परिचालन शुरू करेगी।
कार्बन उत्सर्जन को कम करना
GoodEnough के अनुसार, इस सुविधा से उद्योगों को एक वर्ष में 5 मिलियन टन से अधिक कार्बन उत्सर्जन में कटौती करने में मदद मिलेगी। भारत ने 2070 तक नेट जीरो बनने का लक्ष्य रखा है।
निवेश और विस्तार योजनाएँ
- GoodEnough ने पहले ही 7 गीगावाट प्रति घंटे (GWH) सुविधा में 1.5 बिलियन रुपये ($18.07 मिलियन) का निवेश किया है।
- कंपनी की योजना 2027 तक क्षमता को 20 GWH तक बढ़ाने के लिए अतिरिक्त 3 अरब रुपये खर्च करने की है।
- इन योजनाओं का खुलासा GoodEnough के संस्थापक आकाश कौशिक ने किया।
नवीकरणीय ऊर्जा के लिए महत्व
बैटरी ऊर्जा भंडारण परियोजनाएं भारत की अपनी नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को मौजूदा 178 गीगावॉट से बढ़ाकर 2030 तक 500 गीगावाट (जीडब्ल्यू) तक विस्तारित करने की महत्वाकांक्षी योजना के लिए महत्वपूर्ण हैं।
सरकारी प्रोत्साहन
भारत सरकार बैटरी भंडारण परियोजनाओं को बढ़ावा देने के लिए एक कार्यक्रम के तहत कंपनियों को 452 मिलियन डॉलर का प्रोत्साहन दे रही है।
बैटरी भंडारण प्रणालियों की भूमिका
बैटरी भंडारण प्रणालियाँ सौर, पवन और अन्य नवीकरणीय स्रोतों से ऊर्जा के भंडारण को सक्षम बनाती हैं। इस संग्रहित ऊर्जा को जरूरत पड़ने पर छोड़ा जा सकता है, जिससे नवीकरणीय ऊर्जा अधिक विश्वसनीय और सुसंगत हो जाएगी।
भारत की पहली बैटरी स्टोरेज गीगाफैक्ट्री की स्थापना देश के नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों को पूरा करने और इसके कार्बन पदचिह्न को कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। जम्मू और कश्मीर में सुविधा का संचालन भारत में नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।