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भारत में महिला कार्यबल की भागीदारी 2023-24 में बढ़कर 42% हो जाएगी

भारत में महिला श्रमिक भागीदारी (Female Labour Force Participation Rate – FLFPR) में हाल के वर्षों में शानदार वृद्धि दर्ज की गई है, जो लिंग समावेशन और आर्थिक प्रगति का महत्वपूर्ण संकेतक है। श्रम और रोजगार मंत्रालय के अनुसार, FLFPR 2017–18 में 23% से बढ़कर 2023–24 में लगभग 42% हो गई है। यह उछाल भारत के श्रम बाजार में बड़े परिवर्तन को दर्शाता है और BRICS देशों में महिलाओं की आर्थिक भागीदारी के क्षेत्र में भारत को अग्रणी बनाता है।

तेज़ी से बढ़ती भागीदारी

  • विश्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, पिछले दशक में BRICS देशों (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका) में महिलाओं की श्रम भागीदारी में भारत ने सबसे तेज़ वृद्धि दर्ज की।

  • 2017–18 से 2023–24 के बीच लगभग 19 प्रतिशत अंक की वृद्धि ने सामाजिक मान्यताओं और सरकारी हस्तक्षेप में महत्वपूर्ण बदलाव को दिखाया।

  • वैश्विक अस्थिरताओं और संरचनात्मक रोजगार चुनौतियों के बावजूद यह उपलब्धि और भी महत्वपूर्ण है।

बढ़ोतरी के मुख्य कारण

  • लक्षित नीति उपाय, कौशल और क्रेडिट तक पहुँच, और विशेषकर ग्रामीण व अर्ध‑शहरी क्षेत्रों में औपचारिक रोजगार सृजन।

  • डिजिटल प्लेटफॉर्म का विस्तार, वर्क‑फ्रॉम‑होम विकल्प, और सेवा क्षेत्र में वृद्धि ने महिलाओं को श्रमबल में शामिल होने में मदद की।

महिला श्रमिकों के लिए सरकारी नीति समर्थन

मुख्य पहलें:

  • विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में महिलाओं के लिए परीक्षा शुल्क छूट

  • महिला सरकारी कर्मचारियों के लिए 730 दिन की चाइल्ड केयर लीव (CCL)

  • 180 दिन की भुगतान वाली मातृत्व अवकाश (मातृत्व स्वास्थ्य और रोजगार निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए)

  • पति-पत्नी को समान स्थान पर पोस्टिंग की सुविधा (Co-location of spouses)

  • सार्वजनिक सेवाओं में कार्यस्थल कल्याण कार्यक्रम और मनो-सामाजिक सहायता

कौशल विकास और रोजगार कार्यक्रम:

  • महिला प्रशिक्षुओं पर विशेष ध्यान देने वाला Skill India Mission

  • महिला नेतृत्व वाली स्टार्टअप्स के लिए उद्यमिता प्रोत्साहन योजनाएँ

  • डिजिटल साक्षरता कार्यक्रम, तकनीकी पहुँच को बढ़ावा देने के लिए

  • STEM क्षेत्रों, शोध और नवाचार में महिलाओं के समर्थन के लिए पहल

सुरक्षा, कल्याण और समर्थन प्रणाली:

  • वन स्टॉप सेंटर्स (OSCs) महिलाओं के लिए सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करने हेतु

  • सेवाएँ: चिकित्सा सहायता, कानूनी सहायता, काउंसलिंग, अस्थायी आवास

परीक्षा हेतु मुख्य तथ्य

  • FLFPR: 2017–18 → 23%, 2023–24 → 42%

  • भारत ने BRICS देशों में महिलाओं की श्रमिक भागीदारी में सर्वाधिक वृद्धि दर्ज की

  • प्रमुख नीतियाँ: 730 दिन CCL, 180 दिन मातृत्व अवकाश, परीक्षा शुल्क छूट, Co-location

  • सरकारी पहलें: Skill India, One Stop Centres, महिला उद्यमिता कार्यक्रम

  • लक्ष्य: 2047 तक विकसित भारत (Viksit Bharat) के लिए महिला भागीदारी में सुधार

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