भारत की वस्तु निर्यात (Merchandise Exports) अप्रैल 2025 में 9% की वृद्धि के साथ $38.49 अरब डॉलर तक पहुंच गई, जो पिछले छह महीनों में सबसे ऊंचा स्तर है। यह वृद्धि इलेक्ट्रॉनिक्स और इंजीनियरिंग वस्तुओं के अमेरिका को निर्यात में तेज उछाल के कारण हुई। अमेरिका में टैरिफ (शुल्क) संबंधी अनिश्चितता के चलते भारतीय निर्यातकों ने संभावित व्यापार प्रतिबंधों से पहले निर्यात में तेजी लाई।
क्यों है ख़बरों में?
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अप्रैल 2025 के व्यापार आंकड़े भारत की आर्थिक वर्ष की अच्छी शुरुआत को दर्शाते हैं।
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अमेरिका द्वारा घोषित अस्थायी प्रतिशोधात्मक टैरिफ (बाद में 90 दिनों के लिए निलंबित) के कारण, अमेरिका को निर्यात में 27% की वृद्धि दर्ज की गई।
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यह वृद्धि भूराजनीतिक तनावों के बीच भारत की निर्यात क्षमताओं को दर्शाती है।
प्रमुख बिंदु
बिंदु | विवरण |
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वस्तु निर्यात वृद्धि | 9% की वार्षिक वृद्धि, अप्रैल 2025 में $38.49 अरब |
सेवाओं का निर्यात | $35.31 अरब (अप्रैल 2024 में $30.18 अरब से अधिक) |
वस्तुओं का आयात | 19.12% की वृद्धि, कुल $64.91 अरब |
व्यापार घाटा | $26.42 अरब — 5 महीने में सबसे अधिक |
सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन वाले क्षेत्र
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इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात: 39.51% ↑ ($3.69 अरब)
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इंजीनियरिंग वस्तुएं: 11.28% ↑ ($9.51 अरब)
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अन्य सकारात्मक क्षेत्र: रत्न एवं आभूषण, दवाइयाँ, समुद्री उत्पाद, तैयार वस्त्र, चाय, कॉफी
अमेरिका को निर्यात
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27% की वार्षिक वृद्धि, अप्रैल 2025 में $8.4 अरब तक पहुँचा
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वृद्धि का कारण: अमेरिका में टैरिफ अनिश्चितता और भारतीय निर्यातकों की सक्रिय रणनीति
अधिकारियों के बयान
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वाणिज्य सचिव सुनील बार्थवाल: “रत्न और आभूषण जैसे क्षेत्रों में सकारात्मक संकेत। वस्तुओं और सेवाओं के निर्यात में स्वस्थ वृद्धि।”
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ईईपीसी इंडिया अध्यक्ष पंकज चड्ढा: “बाहरी चुनौतियों के बावजूद इंजीनियरिंग निर्यात ने अच्छी शुरुआत की है। निर्यातकों को गंतव्य विविधता पर ध्यान देना चाहिए।”
पृष्ठभूमि और स्थैतिक तथ्य
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2 अप्रैल 2025 को अमेरिका ने टैरिफ की घोषणा की, जिसे बाद में 90 दिनों के लिए स्थगित कर दिया गया।
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भारत: इंजीनियरिंग वस्तुएं, सॉफ्टवेयर सेवाएं, फार्मा और वस्त्रों का प्रमुख निर्यातक।
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अमेरिका भारत का प्रमुख निर्यात बाजार बना हुआ है।