भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात पहली तिमाही में 47 प्रतिशत बढ़ा

भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात उद्योग लगातार बढ़ रहा है और वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही (अप्रैल से जून 2025) में साल-दर-साल 47% की प्रभावशाली वृद्धि दर्ज की गई है। इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (ICEA) के अनुसार, निर्यात वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही के 8.43 अरब डॉलर से बढ़कर 12.4 अरब डॉलर हो गया। यह प्रदर्शन वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण केंद्र के रूप में भारत की बढ़ती स्थिति को पुष्ट करता है, जिसमें मोबाइल फोन निर्यात अग्रणी भूमिका निभा रहा है।

मोबाइल फोन: सबसे चमकता सितारा

इस तेज़ी की रीढ़ निस्संदेह मोबाइल फोन निर्यात रहे, जिनमें 55% की जबरदस्त वृद्धि दर्ज हुई — जो Q1 FY25 में 4.9 अरब डॉलर से बढ़कर Q1 FY26 में अनुमानित 7.6 अरब डॉलर तक पहुंच गई। यह न केवल सरकार समर्थित उत्पादन-आधारित प्रोत्साहन (PLI) योजनाओं की सफलता को दर्शाता है, बल्कि इस बात को भी उजागर करता है कि वैश्विक स्मार्टफोन निर्माता अब तेजी से भारत को अपने निर्यात केंद्र के रूप में चुन रहे हैं।

इस प्रदर्शन ने भारत को दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल फोन निर्माता बना दिया है, और अब इन उपकरणों का बढ़ता हिस्सा विदेशों—विशेषकर मध्य पूर्व, अफ्रीका और यूरोप के बाज़ारों—में भेजा जा रहा है।

गैर-मोबाइल इलेक्ट्रॉनिक्स में वृद्धि

हालाँकि स्मार्टफोन सुर्खियाँ बटोर रहे थे, लेकिन गैर-मोबाइल इलेक्ट्रॉनिक्स ने भी मज़बूत वृद्धि दर्ज की। यह श्रेणी 37% बढ़कर 3.53 अरब डॉलर से 4.8 अरब डॉलर तक पहुँच गई।

इस खंड के प्रमुख योगदानकर्ता रहे—

  • सोलर मॉड्यूल

  • नेटवर्किंग उपकरण जैसे स्विच और राउटर

  • चार्जर एडेप्टर और इलेक्ट्रॉनिक घटक

ये आँकड़े इस तथ्य को रेखांकित करते हैं कि भारत की इलेक्ट्रॉनिक्स वृद्धि अब सिर्फ फोन तक सीमित नहीं है—यह एक विविध टेक्नोलॉजी इकोसिस्टम में बदल रही है।

क्षेत्रीय रुझान और दीर्घकालिक अनुमान

ICEA के अनुसार, भारत का कुल इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात FY24 के 29.1 अरब डॉलर से बढ़कर FY25 में 38.6 अरब डॉलर हो गया। वर्तमान रुझान को देखते हुए, FY26 में यह आँकड़ा 46–50 अरब डॉलर तक पहुँचने का अनुमान है।

बड़ी तस्वीर में देखें तो, भारत का कुल इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन FY15 में 31 अरब डॉलर से बढ़कर FY25 में 133 अरब डॉलर हो गया है। यह अद्भुत वृद्धि एक दशक की नीतिगत सुधारों, बुनियादी ढाँचे में निवेश और इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण में चीन के विकल्प की वैश्विक मांग को दर्शाती है।

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vikash

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