भारत की आर्थिक वृद्धि दर के चालू वित्त वर्ष (2023-24) में घटकर 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है। एशियाई विकास बैंक (एडीबी) में यह बात कही। एडीबी ने कहा कि सख्त मौद्रिक रुख और तेल कीमतों में तेजी के कारण अर्थव्यवस्था पर दबाव रहेगा। मार्च, 2023 में समाप्त वित्त वर्ष के दौरान वृद्धि दर 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है। एडीबी ने हालांकि उम्मीद जताई है कि निजी खपत और निजी निवेश में तेजी के चलते देश की आर्थिक वृद्धि दर 2024-25 में बढ़कर 6.7 प्रतिशत हो जाएगी। इसके अलावा परिवहन अवसंरचना, लॉजिस्टिक और कारोबारी माहौल को बेहतर बनाने वाली सरकारी नीतियों से भी अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा।
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एडीबी ने अपने प्रमुख प्रकाशन – एशियाई विकास परिदृश्य (एडीओ) अप्रैल 2023 के ताजा संस्करण में ये अनुमान जाहिर किए हैं। रिपोर्ट में कहा गया कि भारत के लिए 2023-24 के वृद्धि अनुमान वैश्विक आर्थिक मंदी, सख्त मौद्रिक रुख और तेल कीमतों में तेजी पर आधारित हैं। एडीबी के भारत में कंट्री निदेशक ताकेओ कोनिशी ने कहा कि वैश्विक मंदी के बावजूद भारत की आर्थिक वृद्धि दर कई दूसरी अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में मजबूत है। उन्होंने कहा कि ये आंकड़े भारत की अपेक्षाकृत मजबूत घरेलू खपत और वैश्विक मांग पर कम निर्भरता को दर्शाते हैं।