हैदराबाद के आठ वर्षीय दिवित रेड्डी ने अंडर-8 वर्ल्ड कैडेट्स चेस चैंपियनशिप में शानदार प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक जीतकर भारत के लिए एक और गौरवशाली पल जोड़ा है। दिवित ने 11 में से 9 अंक अर्जित कर यह खिताब अपने नाम किया। उनके साथी, सत्यविक स्वैन, को टाई-ब्रेक स्कोर के आधार पर रजत पदक मिला। यह जीत भारतीय जूनियर शतरंज के वर्चस्व को और मजबूत करती है।
प्रतियोगिता के परिणाम
- चैंपियन: दिवित रेड्डी (भारत, तेलंगाना) – 9/11 अंक, टाई-ब्रेक पर स्वर्ण पदक।
- उपविजेता: सत्यविक स्वैन (भारत) – 9/11 अंक, रजत पदक।
- तीसरा स्थान: ज़िमिंग गुओ (चीन) – 9/11 अंक, कांस्य पदक।
दिवित रेड्डी का विजयी सफर
- प्रतियोगिता की शुरुआत में लगातार चार जीत।
- बीच में दो मैच हारने के बावजूद शानदार वापसी।
- अंतिम पांच मैच जीतकर खिताब पर कब्जा।
- दिवित ने इन शीर्ष रेटेड खिलाड़ियों को हराया:
- विक्टर स्टैंकोवस्की (पोलैंड)
- नुराली नुरशिन (कजाकिस्तान)
- झिहान जू (सैमुअल) (कनाडा)
- ऐडन लिनयुआन ली (अमेरिका, FIDE रेटिंग 1877)
- रिज़ात उलान (कजाकिस्तान, FIDE रेटिंग 1783)
दिवित की रणनीतिक कुशलता
- कठिन परिस्थितियों में अद्भुत धैर्य और सामरिक प्रतिभा का प्रदर्शन।
- निर्णायक जीत के लिए नवाचारपूर्ण चालों का उपयोग।
- भारत के कोच, आईएम अभिषेक केलकर, ने दिवित की रणनीतिक क्षमताओं की प्रशंसा की।
भारत का शतरंज में वर्चस्व
- भारत लगातार जूनियर और अंतर्राष्ट्रीय शतरंज में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहा है।
- हालिया उपलब्धियां:
- ग्रैंडमास्टर रमेशबाबू प्रज्ञानानंदा का वैश्विक मंच पर शानदार प्रदर्शन।
- डी. गुकेश का वर्ल्ड चैंपियन डिंग लिरेन के खिलाफ मुकाबला।
- दिवित की जीत भारत को शतरंज के वैश्विक पटल पर एक प्रमुख शक्ति के रूप में स्थापित करती है।
विश्व युवा शतरंज चैंपियनशिप
आयोजनकर्ता
- यह प्रतियोगिता अंतर्राष्ट्रीय शतरंज महासंघ (FIDE) द्वारा आयोजित की जाती है।
उद्देश्य
- विभिन्न आयु वर्गों के लड़के और लड़कियों के लिए वैश्विक शतरंज प्रतियोगिता।
आयु वर्ग
- लड़के और लड़कियां अंडर-8, अंडर-10, अंडर-12, अंडर-14, अंडर-16, और अंडर-18 श्रेणियों में भाग लेते हैं।
वार्षिक खिताब
- प्रत्येक वर्ष 12 विश्व चैंपियंस का चयन।
प्रतियोगिता विभाजन (2015 से)
- विश्व कैडेट शतरंज चैंपियनशिप: (अंडर-8, अंडर-10, अंडर-12)।
- विश्व युवा शतरंज चैंपियनशिप: (अंडर-14, अंडर-16, अंडर-18)।