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जुलाई में भारत का कच्चे तेल का आयात 18 महीने के निचले स्तर पर पहुंचा

भारत के कच्चे तेल (क्रूड ऑयल) आयात में जुलाई 2025 में बड़ी गिरावट दर्ज की गई। पेट्रोलियम प्लानिंग एंड एनालिसिस सेल (PPAC) के आँकड़ों के अनुसार, आयात माह-दर-माह (MoM) 8.7% घटकर 1.856 करोड़ मीट्रिक टन रह गया, जो फरवरी 2024 के बाद का सबसे निचला स्तर है। इस कमी के पीछे घरेलू ईंधन माँग में गिरावट, भू-राजनीतिक व्यापार तनाव और ख़ासकर रूसी तेल की ख़रीदारी से जुड़े नए आयात पैटर्न जिम्मेदार रहे।

आयात और खपत के प्रमुख आँकड़े

  • कच्चा तेल आयात (Crude Imports)

    • MoM गिरावट: 8.7%

    • YoY गिरावट: 4.3% (जुलाई 2024 के 1.94 करोड़ टन से घटकर 1.856 करोड़ टन)

  • पेट्रोलियम उत्पाद (Oil Products)

    • आयात: 12.8% की गिरावट से 43.1 लाख टन

    • निर्यात: 2.1% की गिरावट से 50.2 लाख टन

  • ईंधन खपत (Fuel Consumption)

    • MoM गिरावट: 4.3% से घटकर 1.943 करोड़ टन

(ये आँकड़े संकेत देते हैं कि जुलाई 2025 में पेट्रोलियम क्षेत्र की गतिविधियों में समग्र रूप से सुस्ती रही।)

भू-राजनीतिक और व्यापारिक कारण

अमेरिका का रूसी तेल पर दबाव

  • भारत द्वारा रूसी तेल की खरीद जारी रखने पर अमेरिका ने दबाव बढ़ा दिया है।

  • 27 अगस्त से भारत के निर्यात पर 50% तक अतिरिक्त टैरिफ लगाने की तैयारी है।

  • पहले से ही 25% टैरिफ लगाया जा चुका है।

भारत की स्थिति

  • वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत अपने अमेरिका व्यापार संबंधों को “खुले मन” से आगे बढ़ाएगा।

रूसी तेल की ओर वापसी

  • बढ़ते दबाव के बावजूद, इंडियन ऑयल और भारत पेट्रोलियम जैसी कंपनियों ने सितंबर और अक्टूबर के लिए सस्ते दाम पर रूसी तेल की खरीद फिर से शुरू कर दी है, क्योंकि छूट का लाभ और बढ़ गया है।

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