भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) गिरीश चंद्र मुर्मु को 2024 के लिए संयुक्त राष्ट्र लेखा परीक्षक पैनल का उपाध्यक्ष चुना गया है। उनका चयन बाहरी ऑडिट के प्रति उच्चतम मानकों के प्रति भारत की प्रतिबद्धता और वैश्विक ऑडिट परिदृश्य को आकार देने में सक्रिय भूमिका को रेखांकित करता है।
भारत के कैग गिरीश चंद्र मुर्मु ने 20-21 नवंबर को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में आयोजित बाहरी लेखा परीक्षकों के पैनल के 63वें सत्र में भाग लिया। बाहरी लेखा परीक्षकों के पैनल में वैश्विक स्तर पर 12 सर्वोच्च ऑडिट संस्थानों (एसएआई) के प्रमुख शामिल हैं।
वित्तीय और प्रबंधन मुद्दों पर चर्चा
कनाडा, चिली, फ्रांस, चीन, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, फिलीपींस, रूस, स्विटजरलैंड और ब्रिटेन के प्रतिनिधियों वाला यह पैनल संयुक्त राष्ट्र सचिवालय, फंड, कार्यक्रमों और विशेष एजेंसियों के ऑडिट करता है। बैठक में मुर्मु ने संयुक्त राष्ट्र संस्थाओं को प्रभावित करने वाले महत्वपूर्ण वित्तीय और प्रबंधन मुद्दों पर चर्चा का नेतृत्व किया।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरस से मुलाकात
पैनल बैठक से इतर मुर्मु ने दो एसएआई के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए कौर डेस काम्पटेस (फ्रांस की सर्वोच्च आडिट संस्था) के पहले अध्यक्ष पियरे मोस्कोविसी संग बैठक की। मुर्मु और पैनल सदस्यों ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरस से भी मुलाकात की। बता दें कि गिरीश चंद्र मुर्मू इसी साल मई में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के बाहरी लेखापरीक्षक (एक्सटर्नल ऑडिटर) चुने गए थे।