भारतीय रेलवे, एक प्रमुख परिवहन खिलाड़ी, ने सीआईआई के साथ समझौता ज्ञापन को नवीनीकृत किया है, जिसमें ऊर्जा और पानी के उपयोग में कटौती करने, ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने का वादा किया गया है।
परिवहन क्षेत्र में एक प्रमुख खिलाड़ी, भारतीय रेलवे ने भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के साथ अपने समझौता ज्ञापन (एमओयू) को नवीनीकृत करके पर्यावरणीय स्थिरता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की है। सहयोग का उद्देश्य ऊर्जा और पानी की खपत को कम करना है, अंततः ग्रीनहाउस गैस (जीएचजी) उत्सर्जन को कम करना है। यह भारतीय रेलवे और सीआईआई के बीच साझेदारी का लगातार तीसरा कार्यकाल है।
2030 तक शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन के लिए भारतीय रेलवे की प्रतिज्ञा
भारतीय रेलवे ने परिवहन क्षेत्र में एक प्रमुख हितधारक के रूप में अपनी भूमिका को पहचानते हुए पर्यावरण संरक्षण में सक्रिय योगदान देने के लिए सीआईआई के साथ एक नए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। रेलवे नेटवर्क ने टिकाऊ प्रथाओं के प्रति अपने समर्पण को मजबूत करते हुए, 2030 तक “शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन” प्राप्त करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है।
सहयोग का इतिहास
भारतीय रेलवे और सीआईआई के बीच सहयोग जुलाई 2016 में तीन साल की अवधि के लिए पहले समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के साथ शुरू हुआ। इसके सफल कार्यान्वयन के बाद, 2019 में एक दूसरे समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए, जिससे विभिन्न हरित पहलों में महत्वपूर्ण प्रगति हुई।
पिछले एमओयू के तहत उपलब्धियां
पिछले एमओयू से ऊर्जा दक्षता और पर्यावरणीय स्थिरता प्राप्त करने में उल्लेखनीय परिणाम मिले हैं:
- विनिर्माण सुविधाओं और कार्यशालाओं में ऊर्जा दक्षता: इस पहल से 210 लाख kWh की ऊर्जा बचत और 16 करोड़ रुपये की मौद्रिक बचत हुई, साथ ही लगभग 18,000 टन CO2 उत्सर्जन में भारी कमी आई।
- ग्रीनको रेटिंग: 75 रेलवे इकाइयों में लागू, ग्रीनको रेटिंग प्रणाली ने पर्यावरणीय प्रदर्शन में काफी सुधार किया।
- हरित रेलवे स्टेशन: लगभग 40 स्टेशनों ने हरित प्रमाणीकरण हासिल किया, जिससे सालाना 22 मिलियन kWh ऊर्जा और 3 अरब लीटर पानी की बचत हुई।
- हरित भवन, अस्पताल, स्कूल और कालोनियाँ: प्रशासनिक भवनों, अस्पतालों, स्कूलों और कालोनियों सहित 40 से अधिक सुविधाओं ने हरित प्रमाणीकरण प्राप्त किया।
- क्षमता निर्माण और कौशल विकास: 20 से अधिक नई प्रौद्योगिकी आपूर्तिकर्ताओं को पेश किया गया, जिससे लगभग 150 भारतीय रेलवे अधिकारियों को भारत में छह सर्वश्रेष्ठ ऊर्जा-कुशल निजी क्षेत्र के संयंत्रों से अवगत कराया गया। इसके अतिरिक्त, लगभग 900 अधिकारियों को ऊर्जा दक्षता के विभिन्न पहलुओं पर प्रशिक्षित किया गया।
नेट ज़ीरो की ओर रणनीतिक परिवर्तन
सीआईआई की उप महानिदेशक सुश्री सीमा अरोड़ा ने हरित उपायों को लागू करने और ऊर्जा और पानी की खपत को कम करने में भारतीय रेलवे के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने वैश्विक स्थिरता लक्ष्यों के साथ तालमेल बिठाते हुए नेट ज़ीरो ढांचे की ओर रणनीतिक बदलाव पर जोर दिया। इस साझेदारी का लक्ष्य आने वाली पीढ़ियों के लिए एक हरा-भरा, स्वच्छ और अधिक टिकाऊ भविष्य बनाना है।
नवीनीकृत एमओयू के तहत भविष्य की पहल
नवीनीकृत एमओयू के तहत, सीआईआई नई और प्रासंगिक प्रौद्योगिकियों को पेश करने, कार्यशालाओं/उत्पादन इकाइयों के लिए आईएसओ 50001 प्रमाणन प्राप्त करने में सहायता करने, नेट-जीरो एनर्जी रेलवे स्टेशन ढांचे को विकसित करने और हरित पहल में प्रगति को प्रदर्शित करने के लिए एक सूचना डैशबोर्ड बनाने पर सहयोग करेगा।
परीक्षा से सम्बंधित महत्वपूर्ण प्रश्न
1. भारतीय रेलवे और सीआईआई के बीच नवीनीकृत समझौता ज्ञापन का प्राथमिक लक्ष्य क्या है?
A) यात्री क्षमता बढ़ाना
B) ऊर्जा और पानी की खपत कम करना
C) ट्रेन की गति बढ़ाना
2. भारतीय रेलवे और सीआईआई ने लगातार कितनी बार अपने एमओयू का नवीनीकरण किया है?
A) एक
B) दो
C) तीन
3. भारतीय रेलवे के लिए “शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन” प्राप्त करने का लक्षित वर्ष क्या है?
A) 2025
B) 2030
C) 2040
4. हरित पहल के लिए जुलाई 2016 से किस संगठन ने भारतीय रेलवे के साथ सक्रिय भागीदारी की है?
A) संयुक्त राष्ट्र
B) भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई)
C) विश्व स्वास्थ्य संगठन
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