भारत में प्रत्येक वर्ष 28 जनवरी को भारतीय समाचार पत्र दिवस मनाया जाता है। क्योंकि इसी दिन, 29 जनवरी 1780 को पहला साप्ताहिक भारतीय समाचार पत्र “हिक्कीज़ बंगाल गजट” प्रकाशित हुआ, जिसे “कलकत्ता जनरल एडवरटाइज़र” के नाम से भी जाना जाता है।
पहला अखबार हिक्की का बंगाल गजट
एशिया में छपने वाला पहला अखबार हिक्की का बंगाल गजट था। इसका प्रकाशन 29 जनवरी 1780 को उस समय देश की राजधानी कोलकाता में हुआ था। समाचार पत्रों ने उस समय काम करने के तरीके को बदल दिया जब समाचारों को इच्छित दर्शकों तक पहुंचने में कई दिन लग जाते थे। लेकिन चूँकि अंग्रेजों को पता था कि समाचार पत्र उनकी सरकार को नुकसान पहुंचा सकते हैं, इसलिए उन्होंने 1782 में उनका प्रकाशन बंद करने का फैसला किया।
भारत में समाचार पत्र की शुरुआत कब और कैसे हुई?
भारत में प्रिंटिंग प्रेस लाने का श्रेय पुर्तगालियों को और समाचार पत्रों की शुरुआत का श्रेय यूरोपियनों को जाता है। गोवा में वर्ष 1557 में कुछ ईसाई पादरियों ने एक पुस्तक छापी थी, जो भारत में मुद्रित होने वाली पहली किताब थी। भारत में प्रिंटिंग प्रेस की स्थापना 1684 में ईस्ट इंडिया कंपनी ने की। भारत का पहला समाचार पत्र ‘बंगाल गजट’ 1780 में जेम्स ऑगस्टस हिकी ने प्रकाशित किया था। किसी भारतीय भाषा में प्रकाशित होने वाला पहला समाचार पत्र मासिक ‘दिग्दर्शक’ था, जो 1818 ईस्वी में प्रकाशित हुआ। निर्विवाद रूप से भारत का सबसे पहला प्रमुख समाचार पत्र ‘संवाद कौमुदी’ था। इस साप्ताहिक पत्र का प्रकाशन 1821 में शुरू हुआ था और इसके प्रबंधक-संपादक प्रख्यात समाज सुधारक राजा राममोहन राय थे। ‘संवाद कौमुदी’ के प्रकाशन के साथ ही सबसे पहले भारतीय नवजागरण में समाचार पत्रों के महत्व को रेखांकित किया गया था।